Mumbai , 30 अगस्त . मराठा आरक्षण के मुद्दे पर Mumbai के आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन कालीन अनशन पर बैठे मनोज जरांगे से प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की. इसके बाद प्रतिनिधिमंडल Maharashtra के जल संसाधन मंत्री और मराठा आरक्षण उपसमिति के अध्यक्ष राधाकृष्ण विखे-पाटिल से मिलने उनके रॉयल स्टोन बंग्लो पर पहुंचा. इस मुद्दे पर एक बार फिर बैठक चल रही है.
वहीं, शिवसेना (यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे और Maharashtra कांग्रेस के नेता नसीम खान अनशन पर बैठे मनोज जरांगे पाटिल से मिलने पहुंचे.
दौंड तालुका के मराठा समुदाय के नेताओं ने भी मनोज जरांगे का समर्थन किया है और मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग शुरू कर दी. हालांकि, Mumbai गए मराठा प्रदर्शनकारियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. वहां न तो पानी की व्यवस्था है और न ही भोजन की. मराठा प्रदर्शनकारियों की स्थिति बदतर हो गई है, इसलिए अब मराठा समुदाय में आक्रोश है.
इस आंदोलन के दौरान, मराठा महासंघ के शहर अध्यक्ष शैलेंद्र पवार ने भी अपनी स्थिति स्पष्ट की है. उन्होंने यह भी कहा कि Chief Minister देवेंद्र फडणवीस समय-समय पर आश्वासन देते हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि कोई ठोस विकल्प नहीं ढूंढा जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन 1980 से शुरू हुआ है, लेकिन आज तक किसी भी Government ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया, इसलिए प्रशासन से अनुरोध है कि मराठा आरक्षण पर कोई समाधान निकाला जाए और समुदाय को जल्द से जल्द आरक्षण दिया जाए.
इससे पहले, Maharashtra के मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल ने कहा था कि सिर्फ Chief Minister देवेंद्र फडणवीस की आलोचना करने से आरक्षण का मुद्दा हल नहीं होगा. उन्होंने पिछली Governmentों को घेरते हुए कहा कि महा विकास अघाड़ी नेताओं को Government को सिर्फ सलाह देने के बजाय मराठा समुदाय को आरक्षण न देने के लिए प्रायश्चित करना चाहिए. Government का भी यही मानना है कि इस मुद्दे का समाधान होना चाहिए, इसलिए जस्टिस शिंदे, कोंकण के संभागीय आयुक्त, और हमारी समिति के सदस्य सचिव इन सभी मुद्दों पर उनसे चर्चा करने वाले हैं.
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एएसएच/केआर