भारत और अफ्रिका एक-दूसरे की क्षमताओं पर करें विश्वास : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी

New Delhi, 29 अगस्त . Haryana के Chief Minister नायब सैनी ने Haryana को कृषि-प्रधान राज्य बताते हुए Friday को कहा कि राज्य Government का उद्देश्य केवल उत्पादन बढ़ाना ही नहीं, बल्कि कृषि को लोगों के लिए एक स्थायी और लाभदायक व्यवसाय बनाना है.

New Delhi में 20वें सीआईआई इंडिया-अफ्रीका बिजनेस कॉन्क्लेव में ‘खेत से भविष्य तक: India का अनुभव साझा करना – Haryana की कहानी’ विषय पर आयोजित एक सत्र में सैनी ने कहा कि राज्य Government खेती से लेकर बाजार में उपज बेचने तक, हर कदम पर किसानों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.

उन्होंने अफ्रिका के अपने सभी भागीदारों से मिलकर काम करने और अपने अनुभवों को साझा करने का आग्रह किया. उन्होंने दोनों देशों की सर्वोत्तम कृषि पद्धतियों का आदान-प्रदान करने का आह्वान किया.

सैनी ने कहा, “हमें एक-दूसरे की क्षमताओं पर विश्वास करना चाहिए और नए अवसरों को मिलकर तलाशना चाहिए. India और अफ्रिका के बीच यह साझेदारी मानवता, गरीमा और एक साझा भविष्य के लिए एक शक्तिशाली संदेश भी है. हम Haryana के लोग बिजनेस टू बिजनेस और गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील नहीं करते बल्कि हार्ट टू हार्ट डील करते हैं.”

उन्होंने मिलकर इस 20वें कॉन्क्लेव को मील का पत्थर बनाने की आह्वान किया, जो आगामी दशकों के लिए दोनों देशों की साझेदारी की दिशा तय करे.

उन्होंने सीआईआई को लेकर कहा, “सीआईआई उद्योग जगत और Government के बीच लंबे समय से एक सेतू के रूप में कार्य कर रहा है. देश में ओद्योगिक क्षेत्र के विकास और प्रगति में इस संस्था का महत्वपूर्ण योगदान है. यह संस्था उद्योग जगत प्रतिनिधियों को उनके अनुभवों और विचारों के आदान प्रदान के लिए उपयुक्त मंच प्रदान करती है.”

सैनी ने ग्लोबल साउथ को लेकर कहा कि पीएम मोदी ने ग्लोबल साउथ की भूमिका पर जोर देते हुए कहा है कि विकासशील देशों की आवाज को मजबूती से उठाया जाए. साथ ही सामूहिक विकास के लिए सहयोग और साझेदारी की जरूरत है. पीएम मोदी ने कहा है कि ग्लोबल साउथ की एकता से ही वैश्विक समस्याओं का समाधान संभव हो सकता है.

सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में Haryana राज्य स्टार्टअप नीति 2022 को भी लागू किया गया है, इसमें कैपिटल सब्सिडी, लीज रेंट सब्सिडी, पेमेंट लागत की प्रतिपूर्ती, नेट एसGST में रियायत, क्लाउड, स्टोरेज सहायता और सीड फंडिंग जैसी सुविधाएं शामिल हैं.

उन्होंने कहा, “हमारे युवा बिना किसी वित्तीय चिंता के अपने विचारों पर काम कर सकेंगे. इसी का परिणाम है कि प्रदेश में युवाओं द्वारा 9500 स्टार्टअप शुरू किए गए हैं. आज Haryana India में स्टार्टअप की संख्या में 7वें बड़े राज्य के रूप में उभरा है. इसमें 50 प्रतिशत स्टार्टअप संस्थापक महिलाएं हैं. हमने अगले चरण में स्टार्टअप में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है.”

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