नालंदा की धरोहर से लेकर एआई के भविष्य तक, भारत के युवा करेंगे विश्व का नेतृत्व : सिंधिया

New Delhi, 29 अगस्त . केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आईआईआईटी दिल्ली के टेक फेस्ट ईएसवाई को संबोधित करते हुए युवाओं से India के अगले अध्याय के निर्माता बनने और India को विश्वगुरू के रूप में स्थापित करने का आह्वान किया.

India की गौरवशाली परंपरा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ”शून्य के आविष्कार से लेकर आयुर्विज्ञान और शल्य चिकित्सा की प्रगति तक, नालंदा और तक्षशिला जैसी विश्वविद्यालयों तक, ज्ञान की यह खोज हमारे डीएनए में है. हार्वर्ड की सबसे बड़ी लाइब्रेरी भी नालंदा के सामने छोटी लगती है. वह चिंगारी आज भी हमारे भीतर जीवित है.”

Union Minister ने इस आयोजन को ‘सपनों को हकीकत’ बनाने का लॉन्च पैड बताते हुए छात्रों से कहा कि वे नए रास्ते तलाशें और नवाचार करें, क्योंकि अब India का युवा सिर्फ देश का विकास ही नहीं, बल्कि वैश्विक नेतृत्व करने की क्षमता रखता है.

केंद्रीय संचार मंत्री ने कहा कि जो काम 40 वर्ष पूर्व आईटी ने किया था और विश्व की रूपरेखा बदली थी, वही काम आज एआई कर रहा है. हालांकि, लक्ष्य केवल एआई नहीं, बल्कि जिम्मेदार एआई बनाना है जो मानव लक्ष्यों को पूरा करे और उस पर हावी न हो.

उन्होंने बताया कि टेलीकॉम टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड के तहत 120 से अधिक भविष्य की परियोजनाओं में निवेश किया जा चुका है, जिनमें क्वांटम कंप्यूटिंग, टेराहर्ट्ज़ कम्युनिकेशन, बायो-नैनो सिस्टम्स, स्वदेशी चिपसेट और एन्क्रिप्टेड राउटर्स शामिल हैं. India 6जी तकनीक में दुनिया का नेतृत्व करेगा और साल 2030 तक दुनिया के कम से कम 10 प्रतिशत पेटेंट India के नाम होंगे.

सिंधिया ने छात्रों को याद दिलाया कि India का उत्थान उसके सभ्यतागत मूल्यों पर आधारित है. India कभी युद्ध न छेड़ने वाला और ‘वसुधैव कुटुंबकम’ में विश्वास रखने वाला देश है. छात्र India के लिए ऐसे समाधान तैयार करें जो किसान को सटीक खेती में मदद करें, बच्चों को डिजिटल कक्षा में पढ़ाई का लाभ दें और छोटे शहर के मरीज को टेली-हेल्थ के जरिए इलाज उपलब्ध कराएं.

उन्होंने कहा कि पढ़ाई के लिए विदेश जाने वाले और बड़े विश्वविद्यालयों में काम करने वाले छात्रों को भी अपने ज्ञान और अनुभव के साथ India लौटना चाहिए और India को सामर्थ्यवान, सशक्त और समृद्ध बनाने में योगदान देना चाहिए.

संबोधन के अंत में सिंधिया ने युवाओं से साहसी बनने, अपनी जड़ों से जुड़े रहने और India के लिए निर्माण करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि अगली शताब्दी India की है. India इन 100 वर्षों में कई बड़े कीर्तिमान स्थापित करेगा और India की इस गौरवशाली यात्रा के वाहक आज के युवा और छात्र होंगे.

एसके/एएस