मनोज जरांगे के मुंबई आगमन पर संजय राउत ने कहा, ‘न्यायिक मांग में कोई राजनीति नहीं’

Mumbai , 29 अगस्त . मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे के हजारों समर्थकों के साथ Mumbai आने पर शिवसेना (यूबीटी) के नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय राउत ने Friday को अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने इसे राजनीति से न जोड़ने की अपील की और प्रदेश Government को संयम बरतने की नसीहत भी दी.

शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, “Mumbai Maharashtra और मराठी लोगों की राजधानी है. Maharashtra के कोने-कोने से मराठी लोग अपने हक के लिए Mumbai आए हैं. Mumbai की कानून और व्यवस्था बनाए रखना कोर्ट का काम नहीं है; अगर कोई इसे कोर्ट के भरोसे छोड़ रहा है, तो यह गलत है. यह Government और राज्य के गृह विभाग का काम है, खासकर Chief Minister की जिम्मेदारी है.”

उन्होंने कहा, “Chief Minister ने अप्रत्यक्ष रूप से कहा है कि कोई जरांगे पाटिल के कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति कर रहा है. एक समाज अगर अपनी न्यायिक मांग को लेकर Maharashtra की राजधानी में आया है, तो इसमें राजनीति क्या दिख रही है? जब भी आप (भाजपा) सत्ता में आए हैं, आपने इस आरक्षण मुद्दे को हवा दी है और इसका Political लाभ उठाया है. मिस्टर फडणवीस, अगर आज कोई जरांगे पाटिल के कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति कर रहा है, तो आप बताइए कि वह कौन है? वह आपकी Government में है या विपक्ष में है, या क्या वह आपकी कैबिनेट का हिस्सा है?”

उन्होंने कहा, “Mumbai में इतनी बड़ी संख्या में मराठी लोग आ रहे हैं, हम उनका स्वागत करते हैं क्योंकि पिछले कुछ समय से Mumbai में मराठी आवाज कमजोर हो रही है. अगर इस समय मराठी लोग अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर आ रहे हैं, तो Mumbai के दुश्मनों को यह ताकत दिखनी चाहिए.”

गणेशोत्सव में आंदोलन को लेकर राउत ने कहा, “लाखों की संख्या में मराठा समाज के लोग Mumbai में आए हैं, यह सच्चाई है. जरांगे पाटिल आज आजाद मैदान पर डटे हुए हैं. Mumbai में गणपति उत्सव सबसे बड़ा सार्वजनिक त्योहार है. मुझे विश्वास है कि हमारे ये सभी मराठी भाई गणेशोत्सव में बिना कोई खलल डाले आंदोलन करेंगे. अगर Government ने इस आंदोलन को दबाने की कोशिश की, तो हालात बिगड़ सकते हैं, क्योंकि मनोज जरांगे पाटिल दबाव में आने वाले व्यक्ति नहीं हैं. उन्होंने आमरण अनशन की चेतावनी दी है, इसलिए Government को बेहद संयम से बातचीत कर समाधान निकालना चाहिए. मैं इसे समस्या न कहकर मांग कहूंगा, जिस पर गंभीरता से विचार होना चाहिए.”

उन्होंने कहा, “Government के पास इस स्थिति से निपटने के लिए कोई योजना नहीं है. अगर कोई योजना होती, तो मराठवाड़ा में ही मनोज जरांगे पाटिल से बात की जाती, उन्हें रोका जाता. Government की ओर से कोई अधिकारी नहीं गया, Chief Minister को खुद जाकर बात करनी चाहिए थी. अगर ऐसा होता, तो यह तूफान Mumbai तक नहीं आता.”

एससीएच/केआर