एक-दूसरे को नीचा दिखाने की सस्ती राजनीति से देश का माहौल खराब ना करें : मायावती

New Delhi, 29 अगस्त . बिहार के दरभंगा में कांग्रेस और राजद की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान Prime Minister Narendra Modi के खिलाफ मंच से कथित अभद्र टिप्पणी को लेकर देशभर में Political घमासान तेज हो गया है. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने भी इस प्रकरण पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने बिना नाम लिए Prime Minister मोदी के खिलाफ हुई अभद्र टिप्पणी की निंदा की है.

मायावती ने Friday को social media प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “देश में खासकर राजनैतिक स्वार्थ के कारण राजनीति का गिरता हुआ स्तर अति-दुखद एवं चिंतनीय है. इस संबंध में सभी पार्टियों की राजनीति, पार्टी के संविधान के हिसाब से विचार और सिद्धान्तों के आधार पर, देश व करोड़ों गरीबों व आमजन के हित में होनी चाहिए, जो कि खासकर पिछले कुछ वर्षों से सही से देखने को नहीं मिल रहा है, जबकि इस दौरान देश के सामने विभिन्न प्रकार की आन्तरिक एवं बाहरी चुनौतियां काफी बढ़ी हैं.”

उन्होंने कहा कि देश के उच्च Governmentी व गैर-Governmentी संस्थाओं व विशेषकर राजनीति में उच्च पदों पर बैठे लोगों के बारे में जिस प्रकार की अभद्र, अशोभनीय, अमर्यादित व असंसदीय टिप्पणी आदि सार्वजनिक तौर पर करके उनकी व देश की छवि को भी धूमिल करने के जो प्रयास किये जा रहे हैं, वह अति-दुखद व चिंतनीय है. खासकर चुनाव के समय यह प्रक्रिया और भी अधिक विषैली व हिंसक हो जाती है. इसी क्रम में अभी बिहार में भी जो कुछ देखने व सुनने को मिला है, वह देश की चिन्ता को बढ़ाने वाला है.”

मायावती ने आगे कहा कि बसपा शुरू से ही ‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ के अम्बेडकरवादी सिद्धान्त और नीति पर आयरन दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ पार्टी व Government चलाने का साहस दिखाने वाली पार्टी होने के कारण किसी भी प्रकार की दूषित व जहरीली राजनीति के खिलाफ है और दूसरों से भी यही उम्मीद करती है कि वे देश व आमजन के हित में घिनौनी स्वार्थ की राजनीति करने से दूर रहें और एक-दूसरे को जबरदस्ती नीचा दिखाने की सस्ती राजनीति से देश का माहौल खराब ना करें तो बेहतर.

उन्होंने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के संविधान का उल्लेख करते हुए कहा कि आदर्श कल्याणकारी भारतीय संविधान, India के करोड़ों लोगों के हित, सुरक्षा व उनके आत्म-सम्मान को सर्वोपरि मानते हुए, हर संवैधानिक संस्था को अपनी-अपनी निर्धारित सीमा में रहकर कार्य करने, अर्थात उन सबके लिए चेक एण्ड बैलेन्स की गारण्टी सुनिश्चित की है, जिस पर सही से अमल करके ही हालात को बिगड़ने से जरूर बचाया जा सकता है.

पीएसके