Lucknow, 28 अगस्त . उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा की जांच रिपोर्ट Chief Minister योगी आदित्यनाथ को सौंप दी गई. इस हिंसा की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग ने Thursday को Lucknow में सीएम योगी से मुलाकात कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंप दी.
संभल हिंसा रिपोर्ट पर हनुमान गढ़ी मंदिर के पुजारी महंत राजू दास ने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि संभल की घटना ने गंगा-जमुनी तहजीब और हिंदू-मुस्लिम एकता की बात करने वालों के सामने कड़वी सच्चाई रखी है. इस रिपोर्ट में कुछ गंभीर और चिंताजनक तथ्य सामने आए हैं, जिनमें हिंदू आबादी के पलायन और सुनियोजित दंगों का मुद्दा प्रमुखता से उजागर हुआ है.
उन्होंने कहा कि संभल की घटना के संबंध में Chief Minister योगी आदित्यनाथ को सौंपी गई रिपोर्ट में कुछ परेशान करने वाले तथ्य सामने आए हैं. संभल में कभी हिंदुओं की आबादी 45 प्रतिशत थी, जो अब घटकर 15 प्रतिशत रह गई है. यह उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो गंगा-जमुनी तहजीब के तहत हिंदू-मुस्लिम एकता की बात करते हैं.
उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में यह उजागर किया गया है कि कैसे हिंदुओं को पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है, कैसे उन्हें परेशान किया जा रहा है और कैसे उन इलाकों में दंगे भड़काए जा रहे हैं, जहां हिंदू कम संख्या में रहते हैं. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है. यह पलायन प्राकृतिक नहीं, बल्कि सुनियोजित है. हिंदुओं को परेशान करने और दंगे भड़काने की साजिशें उन क्षेत्रों में रची जा रही हैं, जहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं.
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि संभल में हरिहर मंदिर के ऐतिहासिक साक्ष्य और बाबर के समय हुए विध्वंस के प्रमाण सामने आए हैं. इसके अलावा, पूर्व सांसद द्वारा कथित तौर पर प्रायोजित दंगों का जिक्र भी रिपोर्ट में है, जिसमें हिंदुओं को पलायन के लिए मजबूर करने की साजिश का खुलासा हुआ है.
महंत राजू दास ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह उन लोगों के लिए करारा जवाब है, जो हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की बात करते हैं. भारत एक ऐसा देश है, जहां हर धर्म और संप्रदाय को शांतिपूर्वक रहने का अधिकार है, लेकिन संभल की घटनाएं इस आदर्श को चुनौती दे रही हैं. मैं हिंदुओं से सतर्क रहने और सरकार से इस जांच को सार्वजनिक करने की मांग करता हूं ताकि सच्चाई जनता के सामने आ सके.
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एकेएस/जीकेटी