रांची, 28 अगस्त . Jharkhand विधानसभा के पूरक मानसून सत्र के समापन भाषण में Chief Minister हेमंत सोरेन ने विपक्ष और केंद्र Government पर तीखे हमले किए. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य Government को बदनाम करने और उसके कार्यों में व्यवधान डालने के लिए संगठित तरीके से फंडिंग की जा रही है.
सोरेन ने कहा कि जनता को Government के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश की जा रही है और यह गिरोह केवल Jharkhand तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे देश में सक्रिय है. रिम्स-टू की आड़ में Political रोटियां सेंकी जा रही हैं. इससे पहले राजधानी में फ्लाईओवर निर्माण का विरोध भी Political लाभ के लिए किया गया, लेकिन बरसात में जनता उसके फायदे समझ चुकी है.
उन्होंने कहा कि विपक्ष अपनी Political विचारधारा के तहत Government को लगातार घेरने में जुटा है और कई बार संवैधानिक संस्थाओं व कानून का भी सहारा लेता है. सीएम ने कहा, “भले ही संस्थाएं इनकी जेब में हों, लेकिन सत्ता में रहकर हम जनता के लिए मजबूती से काम कर रहे हैं.”
उन्होंने लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के साथ केंद्र Government के व्यवहार का जिक्र करते हुए भाजपा शासित राज्यों की स्थिति पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों की हालत दयनीय है और भाजपा देश को विश्वगुरु बनाने की बजाय अपने Political और कारोबारी सहयोगियों को लाभ पहुंचाने में लगी है. भाजपा और उसकी Governmentें इवेंट मैनेजमेंट और मीडिया के जरिए जनता को गुमराह कर रही हैं.
सदन में दिशोम गुरु शिबू सोरेन को India रत्न देने का प्रस्ताव पारित होने का उल्लेख करते हुए Chief Minister ने कहा कि अब देखना होगा केंद्र Government इस पर क्या रुख अपनाती है.
उन्होंने कहा, “ये जो कहते हैं, वह करते नहीं और जो नहीं कहते, वही जरूर करते हैं.” Prime Minister, Chief Minister और मंत्री के 30 दिन जेल में रहने पर उन्हें पद से हटाने वाले प्रस्तावित कानून पर सवाल उठाते हुए सोरेन ने इसे विरोधियों को निशाना बनाने की साजिश बताया. बिहार में लाखों वोटरों को लिस्ट से गायब करने का आरोप लगाते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि इन्होंने ऐसा कानून बनाया है, जिसमें निर्वाचन आयुक्त पर कार्रवाई नहीं हो सकती. जबकि, जज भी गलती करता है तो उसके विरुद्ध महाभियोग लाया जा सकता है.
सोरेन ने कहा कि Jharkhand देश के विकास की भारी कीमत चुका रहा है. हमारी खनिज संपदा से कई लोग अरबपति बने, लेकिन यहां के लोग यूरेनियम और अन्य खनन परियोजनाओं से बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. केंद्र Government प्रतिदिन खनिज ऑक्शन की मॉनिटरिंग करती है, जिससे अधिकारी भी दबाव में हैं और पर्यावरण पर गहरा असर हो रहा है. मंईयां सम्मान जैसी योजनाएं अन्य राज्यों में क्यों लागू नहीं हुईं, जबकि Jharkhand सीमित संसाधनों के बावजूद समय पर इसका लाभ दे रहा है.
–
एसएनसी/एबीएम