लगातार हार से कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी कुंठित : संजय निरुपम

Mumbai , 28 अगस्त . शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने Lok Sabha में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है. ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान मंच से की गई अशोभनीय टिप्पणियों को उन्होंने अस्वीकार्य बताते हुए इसे ‘कांग्रेस का असली चरित्र’ करार दिया.

संजय निरुपम ने कहा कि राहुल गांधी की लगातार हार ने उन्हें कुंठित कर दिया है, जिसके चलते वह और उनके समर्थक मर्यादा तोड़कर Prime Minister, मंत्रियों और संवैधानिक संस्थाओं पर अपमानजनक टिप्पणियां कर रहे हैं. Prime Minister देश के सर्वोच्च नेता हैं. उनके खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग निंदनीय और अस्वीकार्य है. इस तरह की भाषा लोकतंत्र की गरिमा को ठेस पहुंचाती है और इसे तत्काल रोका जाना चाहिए.

संजय निरुपम ने India की विदेश नीति और सुरक्षा के मुद्दों पर भी विचार रखे. उन्होंने कहा कि India और Pakistan के तनावपूर्ण संबंधों के बीच पहलगाम हमले के बाद शुरू किया गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ आतंकवाद को जड़ से खत्म करने का ठोस कदम है. Prime Minister मोदी ने स्पष्ट किया है कि यह ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा, जब तक आतंकवाद पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता. India की सुरक्षा सर्वोपरि है. हमारी सेना और Government आतंकवादियों को करारा जवाब देने के लिए पूरी तरह सतर्क और प्रतिबद्ध है.

विदेशी कूटनीति पर बोलते हुए संजय निरुपम ने भारत-जापान संबंधों की सराहना की. उन्होंने कहा कि जापान के साथ India के रिश्ते हमेशा से मित्रतापूर्ण रहे हैं, और Prime Minister मोदी के नेतृत्व में ये और मजबूत हुए हैं. जापान में भारत-जापान शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया है. जब से Narendra Modi Prime Minister बने हैं, तब से जापान के साथ India के रिश्ते अधिक मजबूत तथा प्रगाढ़ हुए हैं. यह सहयोग भविष्य में दोनों देशों की अर्थव्यवस्था और कूटनीति को और सशक्त बनाएगा. इसके अलावा Prime Minister मोदी की आगामी एससीओ बैठक में भागीदारी India की वैश्विक कूटनीति को और मजबूती देगी.

अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप द्वारा India पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के फैसले पर संजय निरुपम ने कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने इसे ‘आत्मघाती’ करार देते हुए कहा कि इससे अमेरिका को ही नुकसान होगा.

उन्होंने इसे India के लिए आत्मनिर्भर बनने का अवसर बताया और कहा, “Prime Minister मोदी की स्वदेशी अपनाने की अपील को अपनाकर हम अपनी जरूरतें स्वदेशी उत्पादों से पूरी कर सकते हैं. India को अपनी आर्थिक और सामरिक ताकत बढ़ाने के लिए एकजुट होकर स्वदेशी और आत्मनिर्भरता के रास्ते पर चलना होगा.”

एकेएस/एबीएम