New Delhi, 28 अगस्त . Prime Minister Narendra Modi जापान दौरे पर जाने वाले हैं. इससे दोनों देशों के व्यापारिक और आर्थिक संबंधों को बड़ा बूस्ट मिलने की संभावना है.
दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध काफी मजबूत है, दो वर्षों में 170 से अधिक एमओयू साइन हुए हैं, जिसमें 13 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई गई है.
Prime Minister मोदी अपने जापानी समकक्ष शिगेरू इशिबा के निमंत्रण पर 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 29-30 अगस्त तक जापान की यात्रा करेंगे.
भारत में स्टील प्लांट से लेकर ग्रामीण बायोगैस परियोजनाओं तक, भारत-जापान के बीच एमओयू सहयोग के एक नए युग के लिए सेतु का निर्माण कर रहे हैं.
‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ के विजन के साथ, यह साझेदारी न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र और बड़े पैमाने पर दुनिया के लिए औद्योगिक, कृषि और मानव पूंजी परिदृश्य को नया आकार देने के लिए तैयार है.
निप्पोन स्टील (एएम/एनएस इंडिया) गुजरात में 15 अरब रुपए के निवेश और आंध्र प्रदेश में 56 अरब रुपए के एकीकृत स्टील प्लांट के साथ देश में विस्तार कर रही है.
सुज़ुकी मोटर ने गुजरात में एक नए प्लांट के लिए 350 अरब रुपए और उत्पादन लाइनों के विस्तार के लिए 32 अरब रुपए के निवेश की घोषणा की है, जबकि टोयोटा किर्लोस्कर ने कर्नाटक में विस्तार के लिए 33 अरब रुपए और महाराष्ट्र में 200 अरब रुपए के निवेश के साथ एक नया प्लांट लगाने का फैसला किया है.
सुमितोमो रियल्टी ने रियल एस्टेट में 4.76 अरब डॉलर का निवेश किया है, जबकि जेएफई स्टील ने विद्युत इस्पात उत्पादन को मजबूत करने के लिए 445 अरब रुपए का निवेश किया है. एस्ट्रोस्केल इसरो के पीएसएलवी का उपयोग करके प्रक्षेपित किया जाने वाला पहला जापानी वाणिज्यिक उपग्रह है.
स्टील, ऑटोमोटिव, रिन्यूएबल एनर्जी, सेमीकंडक्टर, रियल एस्टेट और एयरोस्पेस में निवेश का यह प्रसार भारत की दीर्घकालिक आर्थिक क्षमता में जापान के विश्वास को पुख्ता करता है.
जापानी उद्योग साझेदारियां भारतीय लघु और मध्यम उद्यमों को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में खींच रही हैं. टोक्यो इलेक्ट्रॉन, फूजीफिल्म और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स एक सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का निर्माण कर रहे हैं, जिसमें भारतीय एसएमई उच्च-मूल्य वाले घटकों के आपूर्तिकर्ता बनेंगे.
टोयोटा और सुजुकी की वैल्यू चेन सैकड़ों टियर 2 और 3 भारतीय एसएमई को एकीकृत करेंगी. फूजित्सु अपने ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स में 9,000 भारतीय इंजीनियरों की भर्ती कर रहा है, जिससे आईटी से जुड़े एसएमई को बढ़ावा मिलेगा.
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एबीएस/