New Delhi, 28 अगस्त . केंद्र ने Thursday को कहा कि कपास पर आयात शुल्क में 31 दिसंबर, 2025 तक अस्थायी छूट दे दी गई है.
भारतीय कपड़ा क्षेत्र के लिए कपास की उपलब्धता बढ़ाने के लिए यह निर्णय लिया गया है. केंद्र सरकार ने इससे पहले 19 अगस्त से 30 सितंबर तक कपास पर आयात शुल्क में अस्थायी छूट दी थी.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “निर्यातकों को अधिक समर्थन देने के लिए, केंद्र सरकार ने कपास (एचएस 5201) पर आयात शुल्क में छूट 30 सितंबर 2025 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 तक करने का निर्णय लिया है.”
उन्होंने आगे कहा कि इस संबंध में जल्द ही एक अधिसूचना जारी की जाएगी.
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) द्वारा अधिसूचित इस निर्णय से सूत, कपड़ा, परिधान और मेड-अप सहित कपड़ा मूल्य श्रृंखला की इनपुट लागत कम होने और निर्माताओं और उपभोक्ताओं दोनों को आवश्यक राहत मिलने की उम्मीद है.
इस छूट में 5 प्रतिशत बेसिक कस्टम ड्यूटी (बीसीडी), 5 प्रतिशत एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस (एआईडीसी) और दोनों पर 10 प्रतिशत सोशल वेलफेयर सरचार्ज को हटाना शामिल है. कुल मिलाकर, कपास पर लगने वाले पूरे 11 प्रतिशत आयात शुल्क को छूट दे दी गई है.
इस बीच, भारत के कपड़ा और परिधान क्षेत्र ने वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद मजबूती प्रदर्शित करते हुए जुलाई में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है, जिससे रोजगार, निर्यात और आर्थिक विकास के प्रमुख चालक के रूप में इस क्षेत्र की भूमिका की पुष्टि होती है.
वाणिज्यिक जानकारी एवं सांख्यिकी महानिदेशालय (डीजीसीआईएस) द्वारा जारी त्वरित अनुमानों के अनुसार, जुलाई में प्रमुख कपड़ा वस्तुओं का निर्यात 3.1 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष इसी महीने के 2.94 अरब डॉलर की तुलना में सालाना आधार पर 5.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.
अप्रैल-जुलाई 2025 की अवधि के लिए, संचयी कपड़ा निर्यात 12.18 अरब डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 11.73 अरब डॉलर के आंकड़े से 3.87 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.
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एसकेटी/