बलूचिस्तान में ‘ऑपरेशन हेरोफ’ की वर्षगांठ पर झड़पें, नाकेबंदी और पाबंदियां

क्वेटा, 27 अगस्त . बलूचिस्तान के कई जिलों में ‘ऑपरेशन हेरोफ’ की पहली वर्षगांठ पर हालात तनावपूर्ण रहे. इस दौरान सुरक्षाबलों और बलूच लड़ाकों के बीच झड़पें हुईं, सड़कों पर नाकेबंदी की गई और कई इलाकों में कर्फ्यू जैसी पाबंदियां लागू रहीं.

गौरतलब है कि बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने पिछले साल 25 अगस्त को ‘ऑपरेशन हेरोफ’ की शुरुआत की थी, जिसे उन्होंने बलूचिस्तान को पुनः हासिल करने की व्यापक मुहिम का पहला चरण बताया था.

रिपोर्टों के अनुसार, मस्तुंग जिले के आमाच डैम के पास सुरक्षाबलों और बलूच लड़ाकों के बीच भारी मुठभेड़ हुई, जिसमें कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और घायल हुए. शवों और घायलों को हेलीकॉप्टर से क्वेटा ले जाया गया, जिसके बाद इलाके में अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए. सिबी के मिथरी इलाके में एक सुरक्षा चौकी पर हमला हुआ, जबकि तुरबत शहर में ब्लॉकेड के दौरान सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड हमला किया गया, जिसमें दो कर्मियों के हताहत होने की सूचना है.

पाकिस्तान रेलवे ने क्वेटा से पेशावर जाने वाली ‘जाफर एक्सप्रेस’ की सेवाएं Monday और Tuesday को स्थगित कर दीं. कई जिलों में कर्फ्यू जैसे हालात रहे. केच जिले के नसीराबाद इलाके में बाजार कई दिनों से बंद रहे और जब कुछ दुकानदारों ने दुकानें खोलने की कोशिश की तो सुरक्षाबलों ने उन्हें हिरासत में ले लिया, जिससे आवश्यक वस्तुओं की कमी हो गई.

जियारत में 10 अगस्त को सहायक आयुक्त अफजल बाक़ी और उनके बेटे के अपहरण के बाद से एक सप्ताह से अधिक समय से कर्फ्यू जैसी स्थिति बनी हुई है. यहां दुकानें, स्कूल और कॉलेज बंद हैं और लोग खाद्य सामग्री की कमी और शिक्षा बाधित होने की शिकायत कर रहे हैं. इसके अलावा हब और लसबेला में सड़कों पर तलाशी और गश्त बढ़ा दी गई है. यात्री बसों को भी तय समय पर न आने की स्थिति में शहरों में प्रवेश से रोक दिया जा रहा है. कई जिलों में इंटरनेट, मोबाइल और बैंकिंग सेवाएं पहले ही निलंबित कर दी गई हैं.

तुरबत में Monday को यात्रियों ने एम-8 हाईवे पर धरना दिया और फ्रंटियर कॉर्प्स की चौकियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया. परिवहन संचालकों ने कहा कि कराची से मकरान डिवीजन जाने वाली बसों को बार-बार रोका और जांचा जा रहा है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है.

राजनीतिक दलों ने भी इन पाबंदियों की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार हमलों को रोकने में नाकाम रही है और नागरिकों को सुरक्षा के नाम पर परेशान किया जा रहा है. उन्होंने सरकार से नीतियों की समीक्षा कर पाबंदियां हटाने की मांग की.

डीएससी/