बिहार चुनाव : ‘फारबिसगंज’ में दो दशक से भाजपा का झंडा बुलंद, इस बार विपक्ष की राह होगी आसान?

Patna, 27 अगस्त . बिहार के अररिया जिले की फारबिसगंज विधानसभा सीट भाजपा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि 2005 से यह सीट लगातार भाजपा के कब्जे में है. पिछले दो दशकों में बिहार की सत्ता में कई उलटफेर हुए, लेकिन फारबिसगंज में भाजपा का वर्चस्व अडिग रहा है.

फारबिसगंज एक सामान्य वर्ग की विधानसभा सीट है, जिसकी स्थापना 1951 में हुई थी. अब तक यहां 17 बार चुनाव हो चुके हैं. शुरुआत में इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा, लेकिन बाद में नए राजनीतिक दलों के उदय के बाद इस सीट पर कांग्रेस पिछड़ती चली गई.

1952, 1957, 1967, 1969, 1972, 1977, 1980 और 1985 में कांग्रेस ने यहां से जीत हासिल की. वहीं, 1990, 1995, 2005 (दोनों चुनाव सहित), 2010, 2015 और 2020 में भाजपा ने परचम लहराया है. 1962 और 2000 में ही यहां दूसरे दलों ने बाजी मारी है.

दरअसल, फारबिसगंज अररिया जिले और Lok Sabha क्षेत्र का हिस्सा है, जिसे फारबिसगंज ब्लॉक और आसपास के ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया है. फारबिसगंज अररिया जिले के उत्तर-पूर्वी हिस्से में बसा है, जो नेपाल सीमा से महज 8 किमी और Patna से करीब 300 किमी दूर है. यह सड़क और रेल मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा है, इसका रेलवे स्टेशन बरौनी-कटिहार-राधिकापुर रेल लाइन पर स्थित है.

फारबिसगंज का नाम ब्रिटिश अधिकारी अलेक्जेंडर फोर्ब्स के नाम पर पड़ा. अपनी सीमावर्ती स्थिति और रेल कनेक्टिविटी के कारण यह व्यापारिक, प्रशासनिक और शैक्षणिक गतिविधियों का केंद्र बन गया है. भौगोलिक रूप से फारबिसगंज गंगा-कोसी के जलोढ़ मैदानों में बसा है. यहां मानसून में बाढ़ और जलभराव की समस्या आम बात है, जो कृषि और बुनियादी ढांचे को प्रभावित करती है. इसके बावजूद यहां की मिट्टी उपजाऊ है और इसका फायदा कृषि पर दिखाई देता है. धान, गेहूं, मक्का, दालें, जूट, सब्जियां और तिलहन प्रमुख फसलें यहां उगती हैं.

2020 विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो यहां 3,40,760 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें 1,15,176 (लगभग 33.80 प्रतिशत) मुस्लिम मतदाता थे. 2024 के Lok Sabha चुनावों में मतदाताओं की संख्या में इजाफा हुआ और यह बढ़कर 3,56,438 तक पहुंच गई.

2015 से यहां के विधायक विद्यासागर केशरी हैं, जिन्होंने 2015 और 2020 के चुनाव में भाजपा के टिकट से जीत हासिल की है. विद्यासागर केशरी ने 2020 के चुनाव में कांग्रेस के जाकिर हुसैन खान को 19,702 मतों के अंतर से हराया था.

विधानसभा चुनाव की तरह Lok Sabha चुनाव में भी भाजपा का दबदबा इस क्षेत्र में कायम रहा है. प्रदीप कुमार सिंह ने Lok Sabha चुनाव 2024 में राजद के मोहम्मद शहनवाज आलम को बड़े अंतर से हराया था.

फारबिसगंज 2025 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के लिए सुरक्षित सीट मानी जा रही है.

एफएम/एबीएम