वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन सौर ऊर्जा से जगमगाएगा

वाराणसी, 26 अगस्त . वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन हरित होने के लिए पूरी तरह तैयार है और साल के अंत तक पूरा परिसर सौर ऊर्जा से जगमगाता दिखाई देगा.

रेलवे अधिकारियों ने कैंट रेलवे स्टेशन पर 700 किलोवाट क्षमता के 2,800 सौर पैनल लगाने का काम शुरू किया है. यह सुविधा चालू होने पर न केवल बिजली की बचत होगी, बल्कि स्वच्छ और हरित ऊर्जा उत्पादन में एक नई मिसाल भी कायम होगी, जिससे पर्यावरण की रक्षा होगी.

बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (बीएलडब्ल्यू) ने हाल ही में रेलवे पटरियों के बीच अलग किए जा सकने वाले सौर पैनल लगाने का काम शुरू किया है, जो जाहिर तौर पर देश का पहला ऐसा प्रयास है.

वाराणसी Prime Minister Narendra Modi का Lok Sabha क्षेत्र है, इसलिए इस अनोखे प्रयोग ने लोगों के साथ-साथ रेलवे अधिकारियों का भी ध्यान आकर्षित किया है.

कई रेलवे अधिकारियों ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे बिजली की लागत में कमी आएगी और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण मदद मिलेगी.

वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के निदेशक अर्पित गुप्ता ने को बताया कि इस परियोजना की शुरुआत 2016 में हुई थी, लेकिन स्टेशन के पुनर्निर्माण कार्य के कारण इसे अचानक रोक दिया गया था. रेलवे स्टेशन को सौर ऊर्जा से लैस करने के लिए नई तैयारियां शुरू हो गई हैं.

उन्होंने कहा, “2016-17 में वाराणसी स्टेशन पर लगभग 1 मेगावाट क्षमता के सौर पैनल लगाए गए थे, लेकिन 2023 में पुनर्निर्माण के दौरान, नए प्लेटफॉर्म बनने के कारण उन्हें हटा दिया गया.”

उन्होंने आगे कहा, “सितंबर 2025 तक यह स्थापना पूरी हो जाएगी, जिससे पर्यावरण संरक्षण और स्थिर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी. इससे प्रतिदिन लगभग 700 किलोवाट बिजली की बचत होगी, और वह भी पूरी तरह से सौर ऊर्जा से.”

आधिकारिक अनुमानों के अनुसार, भारतीय रेलवे ने फरवरी 2025 तक 2,249 स्टेशनों और सेवा भवनों पर 209 मेगावाट क्षमता के सौर संयंत्र स्थापित किए हैं.

वर्तमान में, राजस्थान सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे अधिक 275 सौर ऊर्जा संयंत्रों के साथ सौर ऊर्जा विस्तार में अग्रणी है.

एएसएच/एबीएम