भुवनेश्वर, 26 अगस्त . ओडिशा की उपChief Minister प्रवती परिदा ने विरासत के संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए State government की प्रतिबद्धता पर जोर दिया.
पर्यटन, संस्कृति और ओड़िया भाषा, साहित्य एवं संस्कृति विभागों की पहली संयुक्त बैठक की गई. इस बैठक के बाद ललितगिरि में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा की गई खुदाई से प्राप्त हालिया निष्कर्षों पर भी चर्चा हुई.
उपChief Minister परिदा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि राज्य 3,000 से ज्यादा विरासत स्थलों और मंदिरों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है. पर्यटन विभाग 75 विरासत स्थलों को सूचीबद्ध करेगा, जहां पर्यटकों के अनुभवों को बेहतर बनाने के लिए सड़क, शौचालय और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं विकसित की जाएंगी. संस्कृति विभाग एक विरासत नीति का मसौदा तैयार करेगा, जबकि लोक निर्माण विभाग निर्माण और संपर्क परियोजनाओं में तेजी लाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि गांव स्तर की विरासत का संरक्षण और सौंदर्यीकरण किया जाएगा. इसमें मूर्तियां, पुराने तालाब और स्मारक शामिल हैं. उपChief Minister ने कहा कि स्मारकों के उन्नत संरक्षण के लिए आईआईटी-मद्रास के साथ सहयोग की भी योजना बनाई गई है.
परिदा ने रत्नागिरी, ललितगिरी और उदयगिरी में एएसआई द्वारा किए गए उत्खनन पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि ये खोजें अत्यंत सांस्कृतिक महत्व की हैं. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि उत्खनन से प्राप्त कलाकृतियों और स्मारकों पर विस्तृत शोध किया जाएगा और उन्हें संग्रहालयों के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे अधिक पर्यटक आकर्षित होंगे.
उपChief Minister ने जोर दिया कि सुशासन और सांस्कृतिक संरक्षण ओडिशा की पहचान और पर्यटन क्षमता को मजबूत करने के लिए साथ-साथ चलते हैं.
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एएसएच/एबीएम