New Delhi, 26 अगस्त . India और कुवैत ने Tuesday को New Delhi में विदेश कार्यालय परामर्श के सातवें दौर का आयोजन किया, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की गई.
दोनों देशों के अधिकारियों ने विभिन्न पहलों और साझेदारी को Political, व्यापार, निवेश, रक्षा, ऊर्जा, संस्कृति और जन-से-जन संपर्क जैसे क्षेत्रों में और गहराई तक ले जाने के तरीकों पर चर्चा की.
इस बैठक की सह-अध्यक्षता विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (गल्फ) असीम महाजन और कुवैत के विदेश मंत्रालय में एशिया मामलों के सहायक विदेश मंत्री समीह ईसा जोहर हयात ने की.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की और परस्पर हित के क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. Political, व्यापार, निवेश, रक्षा, ऊर्जा, संस्कृति और लोगों के बीच संपर्क जैसे विभिन्न क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा हुई.”
बयान में आगे कहा गया, “दोनों पक्ष इस रोडमैप के कार्यान्वयन पर मिलकर काम करना जारी रखेंगे, जिसे दिसंबर 2024 में Prime Minister Narendra Modi की कुवैत यात्रा के दौरान दोनों देशों के नेतृत्व ने तय किया था. संयुक्त आयोग के तहत गठित संयुक्त कार्य समूहों की बैठकें भी जल्द से जल्द आयोजित करने पर सहमति बनी.”
दोनों देशों ने अगले दौर की विदेश कार्यालय परामर्श बैठक कुवैत में आपसी सहमति से तय की जाने वाली तारीख पर आयोजित करने का निर्णय लिया. इस अवसर पर समीह ईसा जोहर हयात ने परराष्ट्र मंत्रालय के सचिव (सीपीवी एंड ओआईए) अरुण कुमार चटर्जी से भी मुलाकात की.
विदेश मंत्रालय के अनुसार, “India और कुवैत के बीच घनिष्ठ और बहुआयामी ऐतिहासिक संबंध हैं. वित्तीय वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 10.2 अरब अमेरिकी डॉलर रहा. कुवैत में रह रहे दस लाख से अधिक भारतीय समुदाय के लोग दोनों देशों के बीच मजबूत जन-से-जन संबंधों का प्रमाण हैं.”
भारत, 1961 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद कुवैत के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक था. इससे पहले India वहां एक वाणिज्य आयुक्त के माध्यम से प्रतिनिधित्व करता था. Prime Minister मोदी की 2024 की कुवैत यात्रा के दौरान भारत-कुवैत संबंधों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक उन्नत किया गया था.
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डीएससी/