अंगुल, 26 अगस्त . देश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसी क्रम में ओडिशा के अंगुल जिले से इस महीने तीन फेस में करीब एक लाख नींबू का निर्यात किया गया है.
यह निर्यात ओडिशा रूरल डेवलपमेंट एंड मार्केटिंग सोसायटी (ओआरएमएएस) के समर्थन से किया गया है, जिसमें स्थानीय बाजार में 20 से 30 पैसे प्रति यूनिट पर बेचा जाने वाले नींबू का निर्यात एक रुपए प्रति यूनिट पर किया गया है.
अंगुल के नींबू की मांग अंतरराष्ट्रीय बाजार में विशेषकर अमेरिका और यूके के बाजारों में तेजी से बढ़ रही है. अकेले इसी महीने, छेंदीपाड़ा ब्लॉक के ओगी गांव से लगभग एक लाख नींबू की तीन खेपें अमेरिका भेजी गई हैं. यह निर्यात ओआरएमएएस द्वारा जरापाड़ा स्थित किसान-उत्पादक कंपनी “क्रॉपिफाई” के सहयोग से किया गया.
ओआरएमएएस के अधिकारियों के अनुसार, 26,000 नींबू की पहली खेप 7 अगस्त को भेजी गई थी. इससे पहले, किसानों को उचित मूल्य पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता था, अकसर वे व्यापारियों को 100 नींबू केवल 20-30 रुपए में बेचते थे. अब, किसान-उत्पादक कंपनी 100 रुपए प्रति सैकड़ा की दर से नींबू खरीद रही है, जिससे किसानों की कमाई पहले के मुकाबले तीन से चार गुना बढ़ गई है.
सिर्फ नींबू के अलावा, जूस, अचार और स्क्वैश जैसे वैल्यू एडेड उत्पाद भी व्यापक बाजारों के लिए तैयार किए जा रहे हैं. किसानों का कहना है कि इस पहल से उन्हें बड़े पैमाने पर नींबू की खेती जारी रखने के लिए बहुत जरूरी राहत और प्रेरणा मिली है.
नींबू की खेती करने वाले किसान बिपिन साहू ने को बताया, “पहले मैं नींबू बेचकर साल में मुश्किल से 20-30 हजार रुपए कमा पाता था. इस साल तो मैं अपने नींबू के पेड़ काटकर दूसरी फसलें उगाने की सोच रहा था. लेकिन ओआरएमएएस के सहयोग से नींबू बेचने के बाद मुझे अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद है. पहले बाजार में कम दाम मिलने के कारण हम अकसर नींबू बिना तोड़े ही छोड़ देते थे. अब ऐसा नहीं होगा.”
एक अन्य किसान, टुनिया साहू ने कहा, “पहले व्यापारी हमें प्रति नींबू केवल 20 पैसे देते थे. चूंकि कटाई की लागत ज्यादा (लगभग 6 रुपए प्रति बोरी) थी,इसलिए हमने नींबू तोड़ना बंद कर दिया था. लेकिन अब, सरकार द्वारा प्रति नींबू 1 रुपए की दर सुनिश्चित करने से हम बहुत खुश हैं. हमने यह भी मांग की है कि भविष्य में नींबू 1.50 रुपए प्रति यूनिट की दर से खरीदे जाएं.”
ओआरएमएएस के उप-मुख्य कार्यकारी अधिकारी बिमन मल ने कहा, “हम नींबू का निर्यात कर रहे हैं और किसानों को काफी फायदा हो रहा है, क्योंकि उन्हें ज्यादा दाम मिल रहे हैं. हाल ही में लगभग 30,000-40,000 नींबू निर्यात किए गए हैं. हम नींबू का रस, खट्टा और कई अन्य उत्पाद भी तैयार कर रहे हैं.”
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