कुशीनगर, 26 अगस्त . उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में प्रशासन के बुलडोजर से कार्रवाई करते हुए 8 मकानों को ध्वस्त कर दिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद Tuesday को यह कार्रवाई हुई. घर टूटने के कारण सैकड़ों लोग बेघर हुए हैं.
कुशीनगर के कसया तहसील के अंतर्गत आने वाले भूलूही मदारी पट्टी गांव में कई मकान कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की बाउंड्री जद में थे. विवाद के कारण कुशीनगर एयरपोर्ट की उड़ान में अड़चन थी. 2020 में एयरपोर्ट विस्तार के लिए 547 किसानों से 30.14 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई, लेकिन 8 किसान परिवारों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और स्टे ले लिया. हालांकि, पिछले दिनों हाईकोर्ट ने किसान परिवारों की ओर से दाखिल याचिका को खारिज कर दिया.
इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद Tuesday को 8 मकानों पर बुलडोजर की कार्रवाई शुरू हो गई. परिवारों को 48 से 72 घंटे में घर खाली करने का आदेश दिया गया था. समयसीमा समाप्त होने के बाद भारी पुलिस बल की मौजूदगी में प्रशासन ने मकानों को गिराने का काम शुरू किया.
हालांकि, प्रशासन की कार्रवाई के बीच मकानों को गिरते हुए देखकर प्रभावित परिवारों की आंखों में आंसू आ गए. छोटे-छोटे बच्चों को संभालते हुए कुछ महिलाएं आंखों में आंसू लिए अपने घर से सामान निकालती नजर आईं. इन परिवारों का कहना है कि प्रशासन ने न तो उनके मकानों का कोई मुआवजा दिया है और न ही उन्हें बसाने के लिए कोई जमीन आवंटित की है. बारिश के इस मौसम में वे अपने छोटे बच्चों के साथ कहां जाएंगे, यह उनके लिए एक बड़ा सवाल है.
एक व्यक्ति ने बताया कि हम लोग अदालत में मुकदमा हार चुके हैं. हमें 21 दिन का समय मिला था, लेकिन 24 घंटे में ही प्रशासन ने घरों को उजाड़ना शुरू कर दिया. घरों से सामान को निकालकर बाहर फेंक दिया. उन्होंने कहा कि कई पीढ़ियों से यह परिवार इसी जमीन पर रहते थे, लेकिन इसे बंजर बताकर और अवैध निर्माण बताकर घरों को गिराया जा रहा है. इस कार्रवाई से करीब 70 लोग प्रभावित हुए हैं.
एक महिला ने बताया कि घर टूटने के कारण वे लोग बहुत दुखी हैं. खाने-पीने की हिम्मत नहीं हो रही है. एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि अगर हमारे मकान बंजर जमीन पर बने थे तो घर गिराने के बाद कम से कम उनका मुआवजा मिलना चाहिए.
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डीसीएच/