नया बिल संविधान की रक्षा के लिए, विपक्ष को डरने की जरूरत नहीं : श्रीकांत शिंदे

Mumbai , 25 अगस्त . शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से संसद में पेश किए गए तीन विधेयकों को लेकर अपनी बातें रखीं. उन्होंने Monday को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह बिल संविधान की रक्षा के लिए लाया जा रहा है, न कि किसी को जेल में डालने के लिए.

उन्होंने कहा, “हमने देखा है कि देश में कई बड़े नेता, यहां तक कि Chief Minister और मंत्री भी जेल गए. लेकिन, उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया. लोकतंत्र में जब किसी पर आरोप लगता है, तो जांच और विचार-विमर्श जरूरी होता है. इसी सोच के साथ Government यह नया बिल ला रही है, जो संविधान की रक्षा के लिए है.”

उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बिल किसी को निशाना बनाने के लिए नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए है.

उन्होंने विपक्ष के सवाल पर कहा, “अगर विपक्ष के नेताओं ने कुछ गलत नहीं किया, तो उन्हें इस बिल से डरने की क्या जरूरत है? यह बिल लोकतंत्र और संविधान के हित में है. Government का मकसद किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है.”

दरअसल, पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के मानसून सत्र में तीन अहम बिल पेश किए थे. उनकी ओर से पेश किए गए बिल में मुख्य रूप से संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025, संघ राज्य क्षेत्र Government (संशोधन) विधेयक, 2025 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 शामिल थे.

Lok Sabha में पेश किए गए बिल का मुख्य उद्देश्य यह है कि अगर कोई Union Minister, किसी राज्य का Chief Minister या किसी केंद्र शासित प्रदेश का Chief Minister किसी आपराधिक मामले में आरोपी पाया जाता है, तो उसे तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना होगा. लेकिन, Union Minister की ओर से पेश किए गए इस बिल का विपक्ष की ओर से विरोध किया जा रहा है.

एसएचके/एबीएम