विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप से कैमरून में फंसे बोकारो-हजारीबाग के 17 मजदूरों की हुई स्वदेश वापसी

रांची, 25 अगस्त . India Government के विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद अफ्रीकी देश कैमरून में फंसे Jharkhand के 19 में से 17 मजदूरों की सुरक्षित स्वदेश वापसी हो गई है. ये मजदूर बोकारो और हजारीबाग जिले के रहने वाले हैं. Monday को सभी अपने घर पहुंच गए.

बताया गया है कि दो अन्य मजदूरों की वापसी 26 अगस्त को होगी. ये मजदूर एक एजेंसी के जरिए कैमरून में बिजली ट्रांसमिशन का काम करने वाली ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड कंपनी में मजदूरी करने ले जाए गए थे. इस कंपनी ने उनका चार महीने का वेतन रोक रखा था. वेतन बंद होने से उनके सामने खाने-पीने और अन्य बुनियादी जरूरतों का संकट खड़ा हो गया था.

मजदूरों ने social media पर वीडियो संदेश साझा कर केंद्र एवं Jharkhand Government से हस्तक्षेप और वतन वापसी कराने की गुहार लगाई थी. Jharkhand Government के श्रम विभाग ने India Government के विदेश मंत्रालय को पूरे मामले से अवगत कराते हुए आवश्यक कार्रवाई का आग्रह किया था.

मंत्रालय ने अफ्रीकी देश में स्थित दूतावास की मदद से मजदूरों की बकाया मजदूरी का भुगतान और उनकी स्वदेश वापसी सुनिश्चित कराई है. Monday को घर लौटे मजदूरों में बोकारो के प्रेम टुडू, सिबोन टुडू, सोमर बेसरा, पुराण टुडू, रामजी हांसदा, विरवा हांसदा एवं महेन्द्र हांसदा और हजारीबाग के आघनू सोरेन, अशोक सोरेन, चेतलाल सोरेन, महेश मरांडी, रामजी मरांडी, लालचंद मुर्मू, फूलचंद मुर्मू, बुधन मुर्मू, जिबलाल मांझी, छोटन बासके और राजेंद्र किस्कू शामिल हैं.

दो मजदूर हजारीबाग के फूलचंद मुर्मू और बोकारो के बबलू सोरेन 26 अगस्त को लौटेंगे. विदेशों में मजदूरों के फंसने का यह कोई पहला मामला नहीं है. पहले भी कई बार अधिक वेतन के लालच में मजदूर विदेश जाकर मुश्किल हालात में फंस चुके हैं, जिनकी वापसी के लिए लंबी प्रक्रिया अपनानी पड़ी थी.

एसएनसी/एएस