कोई दबाव हमारे सांस्कृतिक और जमीन के संरक्षण को नहीं रोक सकता : सीएम सरमा

गुवाहाटी, 24 अगस्त . असम के Chief Minister हिमंत बिस्वा सरमा ने Sunday को social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक बड़ा बयान जारी करते हुए अपने खिलाफ चल रहे कथित ‘प्रोपेगेंडा’ पर जवाब दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ संगठन और दिल्ली से आई एक विशेष टीम असम में कानून के दायरे में की जा रही वैध बेदखली कार्रवाई को ‘मानवता संकट’ बताकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है.

Chief Minister सरमा ने एक्स पोस्ट में लिखा, “कल जमात-ए-हिंद द्वारा मेरी बर्खास्तगी की मांग के बाद, दिल्ली स्थित एक टीम हर्ष मंदर, वजाहत हबीबुल्लाह, फयाज शाहीन, प्रशांत भूषण और जवाहर सरकार अब असम में डेरा डाले हुए हैं.”

सीएम सरमा के अनुसार, इन लोगों का एकमात्र उद्देश्य राज्य में चल रही वैध बेदखली कार्रवाई को ‘मानवाधिकार संकट’ के रूप में पेश करना है. उन्होंने कहा, “यह एक सुनियोजित प्रयास है ताकि हम असम की जमीन और संस्कृति की रक्षा के लिए जो अभियान चला रहे हैं, उसे कमजोर किया जा सके.”

Chief Minister ने यह भी कहा कि उनकी सरकार इस तरह के किसी भी दबाव या झूठे प्रचार से डरने वाली नहीं है. उन्होंने लिखा, “हम सतर्क हैं और पूरी मजबूती के साथ खड़े हैं. कोई भी प्रोपेगेंडा या बाहरी दबाव हमारे अभियान को नहीं रोक सकता. हम अपनी जमीन और संस्कृति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं.”

असम में हाल के दिनों में अवैध कब्जों को हटाने के लिए सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर बेदखली अभियान चलाया गया है. सरकार का कहना है कि यह अभियान पूरी तरह से कानून के तहत चलाया जा रहा है और इसका उद्देश्य असम की मूल संस्कृति और संसाधनों की रक्षा करना है.

हालांकि, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और कुछ सामाजिक संगठनों का कहना है कि इन बेदखली कार्रवाइयों में गरीब और हाशिए पर रह रहे समुदायों को निशाना बनाया जा रहा है. इसी मुद्दे को लेकर दिल्ली से एक टीम असम पहुंची है, जो इन घटनाओं की पड़ताल कर रही है.

वीकेयू/एबीएम