विजय मेहरा : 17 की उम्र में डेब्यू करने वाले भारतीय क्रिकेटर, जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में बिखेरी चमक

New Delhi, 24 अगस्त . महज 17 साल 265 दिन की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने वाले भारतीय क्रिकेटर विजय लक्ष्मण मेहरा को उनकी तकनीक और संयमित खेल के लिए आज भी याद किया जाता है.

12 मार्च 1938 को अमृतसर में जन्मे दाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज विजय मेहरा ने जब डेब्यू किया, तब भारत की ओर से टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले सबसे युवा खिलाड़ी थे.

विजय मेहरा डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में बतौर सलामी बल्लेबाज उतरे, मगर न्यूजीलैंड के खिलाफ इस मुकाबले में 10 रन से ज्यादा नहीं बना सके.

इसके बावजूद कप्तान पॉली उमरीगर ने उन पर भरोसा बनाए रखा और अगले मुकाबले में नारी कॉन्ट्रैक्टर के साथ बतौर सलामी बल्लेबाज उतार दिया.

आखिरकार, कप्तान की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए विजय मेहरा ने पहले विकेट के लिए 68 रन की साझेदारी की. इस दौरान उन्होंने 32 रन बनाए. भारत ने इस पारी को 531/7 के स्कोर पर घोषित किया, लेकिन मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ. इसके बाद उन्हें छह साल के लिए भुला दिया गया.

1961-62 में इंग्लैंड के खिलाफ कलकत्ता में टेस्ट के लिए उन्हें वापस टीम में जगह मिली. चौथे टेस्ट की पहली पारी में दाहिने अंगूठे में फ्रैक्चर के बावजूद विजय मेहरा ने 62 रन की साहसिक पारी खेली.

चोट के कारण उन्हें दूसरी पारी में 11वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए मजबूर होना पड़ा. उन्होंने इस पारी में नाबाद 7 रन बनाए, लेकिन अगला टेस्ट मैच नहीं खेल सके.

इसके बाद उन्हें सीधे वेस्टइंडीज दौरे पर मौका मिला, जहां विजय ने 62 रन की पारी खेलते हुए एक बार फिर खुद को साबित किया.

विजय मेहरा ने साल 1962 में तीन टेस्ट की छह पारियों में 21.83 की औसत के साथ 131 रन बनाए, जिसके बाद साल 1964 में चार पारियां खेलते हुए 21.75 की औसत के साथ 87 रन जोड़े, लेकिन उन्हें टीम में ज्यादा मौके नहीं मिल सके.

इस खिलाड़ी ने भारत की ओर से महज 8 टेस्ट खेले, जिसकी 14 पारियों में 25.30 की औसत के साथ 329 रन बनाए, जिसमें दो अर्धशतक शामिल थे.

रणजी ट्रॉफी में मेहरा का रिकॉर्ड शानदार रहा और उन्होंने 10 शतकों के साथ 3,222 रन बनाए.

इस बल्लेबाज के फर्स्ट क्लास करियर को देखें, तो विजय मेहरा ने 109 मुकाबलों की 178 पारियों में 13 शतक और 27 अर्धशतक के साथ 5,614 रन बनाए. वहीं गेंद से 26 सफलताएं भी हासिल कीं.

विजय मेहरा डीडीसीए प्रशासन में सक्रिय रहे. वह राष्ट्रीय चयनकर्ता भी रहे. 25 अगस्त 2006 को 68 वर्ष की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया.

आरएसजी