देश की वृद्धि दर को बढ़ाने के लिए सीआईआई ने 14 महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुधारों का ब्लूप्रिंट तैयार किया

New Delhi, 24 अगस्त . भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने Sunday को देश की वृद्धि दर को बढ़ने के लिए अपना ब्लूप्रिंट ‘प्रतिस्पर्धी India के लिए नीतियों’ का अनावरण किया. इसमें देश को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए रोडमैप दिया हुआ है.

यह रिपोर्ट 14 महत्वपूर्ण क्षेत्रों में 250 से अधिक कार्यान्वयन योग्य सुझाव प्रस्तुत करती है.

सीआईआई के बयान के अनुसार, इंडस्ट्री लीडर्स, अर्थशास्त्रियों और नीति विशेषज्ञों के साथ व्यापक परामर्श के माध्यम से विकसित किया गया यह ब्लूप्रिंट Government के विकसित India दृष्टिकोण के अनुरूप है. इसका विमोचन ऐसे महत्वपूर्ण समय पर हुआ है, जब Prime Minister ने India की पूरी क्षमता को उजागर करने के लिए साहसिक, दूसरी पीढ़ी के सुधारों का ऐलान किया है.

सीआईआई अध्यक्ष राजीव मेमानी ने कहा, “यह प्रकाशन (ब्लूप्रिंट) व्यापक राष्ट्रीय सुधार एजेंडे में एक योगदान है. यह राजकोषीय नीति और सार्वजनिक क्षेत्र सुधार से लेकर कराधान, व्यापार, ऊर्जा और रोजगार तक, 14 क्षेत्रों में कार्यान्वयन योग्य प्राथमिकताएं प्रस्तुत करता है. ये सिफारिशें Government के सुधार पथ के साथ निकटता से जुड़ी हैं और Prime Minister के साहसिक एवं परिवर्तनकारी बदलाव की घोषणा का समर्थन करती हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “प्रतिस्पर्धी India के लिए नीतियां निरंतर विकसित होती रहेंगी और यह एक जीवंत दस्तावेज के रूप में नीति निर्माताओं के समर्थन के लिए नए विचार प्रस्तुत करती रहेंगा. सीआईआई, विकसित India की ओर India के बढ़ते कदम को तेज करने और वैश्विक विकास में अग्रणी के रूप में देश की स्थिति को मजबूत करने के लिए Government के साथ मिलकर काम करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और सुधार संबंधी विचारों के साथ Government के साथ जुड़ाव बनाए रखेगा.”

सीआईआई के पूर्व अध्यक्ष और रेसिप्रोकल टैरिफ पर टास्क फोर्स के चेयरमैन, संजीव बजाज ने कहा, “Government ने पिछले एक दशक में कई महत्वपूर्ण सुधार लागू किए हैं, जिन्होंने विकास की एक मजबूत नींव रखी है. जैसे-जैसे India दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है, उसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए इस सुधार एजेंडे में और तेजी और गहराई लानी होगी. मुक्त व्यापार समझौतों से नए अवसर खुल रहे हैं और India की आर्थिक भागीदारी दुनिया भर में बढ़ रही है, ऐसे में भारतीय उद्योग जगत को सर्वश्रेष्ठ के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार रहना चाहिए. सीआईआई ने एक ऐसा सुधार खाका प्रस्तुत करने का प्रयास किया है जो व्यावहारिक और महत्वाकांक्षी दोनों हो, जिसका उद्देश्य India को घरेलू और वैश्विक, दोनों ही स्तरों पर अमृत काल के अवसरों का लाभ उठाने में मदद करना है.”

सीआईआई के सुधार एजेंडे में राजकोषीय नीति और व्यापार सुगमता से लेकर श्रम बाजार सुधार, व्यापार नीति और विवादों के समाधान में तेजी लाने के लिए न्यायिक सुधार जैसे 14 क्षेत्र शामिल हैं.

सीआईआई ने गैर-रणनीतिक सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के निजीकरण, एक सॉवरेन वेल्थ फंड के निर्माण और मजबूत शासन का भी समर्थन किया है.

व्यापार नीति सुधारों के हिस्से के रूप में, सीआईआई ने एक युक्तिसंगत टैरिफ संरचना, एफटीए उपयोग में वृद्धि, मजबूत निवेश प्रावधान और एक समर्पित ई-कॉमर्स निर्यात रणनीति का सुझाव दिया है.

एबीएस/