New Delhi, 23 अगस्त . 40 से 45 वर्ष की आयु में महिलाएं मेनोपॉज या पेरीमेनोपॉज के दौर से गुजरती हैं. इस उम्र में शरीर में कई बदलाव आते हैं, जिनमें इम्यून सिस्टम का कमजोर होना भी शामिल है. ऐसे में यह बेहद जरूरी हो जाता है कि इस उम्र में महिलाओं को सभी जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं और सुरक्षा दी जाए, जो उन्हें बीमारियों से बचा सकें.
वैक्सीनेशन न केवल बीमारियों से बचाव करता है, बल्कि स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी मददगार साबित होता है.
नोएडा स्थित सीएचसी भंगेल की सीनियर मेडिकल ऑफिसर और गाइनेकोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. मीरा पाठक ने बढ़ती उम्र के टीकाकरण को लेकर बेहद अहम जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि 40 से 45 वर्ष की आयु वाली महिलाओं के लिए टीके बेहद जरूरी हैं, जो उन्हें गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं.
डॉ. मीरा ने बताया, “इस उम्र में महिलाओं के लिए टीकाकरण के दो प्रमुख फायदे हैं. पहला, इस उम्र में इम्यून सिस्टम की क्षमता कम होने लगती है. वैक्सीन इम्यून सिस्टम को बूस्टर की तरह मजबूत करती है, जिससे बीमारियों के खिलाफ सुरक्षा बढ़ती है. दूसरा, उम्र बढ़ने के साथ बीमारियों से गंभीर जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है. वैक्सीनेशन इस जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, ताकि कोई भी बीमारी गंभीर नुकसान न पहुंचाए.
उन्होंने आगे कहा, “इस आयु वर्ग की महिलाओं के लिए सबसे जरूरी वैक्सीन है इंफ्लूएंजा वैक्सीन, यानी फ्लू का टीका. यह एक सिंगल डोज वैक्सीन है, जिसे हर साल लगवाना चाहिए. विशेष रूप से ठंड के मौसम में, जब फ्लू और सर्दी-जुकाम का खतरा ज्यादा होता है, तब यह वैक्सीन लगवाना जरूरी है. यह वैक्सीन न केवल फ्लू से बचाव करती है, बल्कि इसके कारण होने वाली दिक्कतें भी कम होने लगती हैं.
डॉ. मीरा पाठक का कहना है कि मेनोपॉज और पेरीमेनोपॉज अवस्था में महिलाओं को नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच और वैक्सीनेशन जरूर करवाना चाहिए. इससे न केवल उनका स्वास्थ्य सही रहेगा बल्कि, वे लंबे समय तक स्वस्थ और एक्टिव भी रहेंगी.
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एनएस/केआर