New Delhi, 23 अगस्त . डाक विभाग (डीओपी) और एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) ने वित्तीय समावेशन (फाइनेंशियल इंक्लूजन) को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, डाकघरों के माध्यम से म्यूचुअल फंड वितरित करने के लिए साझेदारी का हाथ मिलाया है.
Mumbai में एएमएफआई के 30वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान डीओपी और एएमएफआई ने एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए.
यह समझौता ज्ञापन 22 अगस्त, 2025 से 21 अगस्त, 2028 तक तीन वर्षों के लिए वैध है, जिसमें रिन्यूअल के प्रावधान भी शामिल हैं.
इसमें निवेशक डेटा और सेवा अखंडता के लिए व्यापक सुरक्षा उपाय शामिल हैं, जो भारत के वित्तीय सेवा परिदृश्य में परिचालन उत्कृष्टता के लिए एक नया मानक स्थापित करता है.
यह ऐतिहासिक समझौता एक नए सर्विस मॉडल की शुरुआत का प्रतीक है, जहां भारतीय डाक अपने व्यापक डाक नेटवर्क के माध्यम से म्यूचुअल फंड निवेश की सुविधा के लिए एक वितरक के रूप में कार्य करेगा, जिससे विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के नागरिकों को लाभ होगा.
संचार मंत्रालय के अनुसार, इस पहल का उद्देश्य देश भर के डाकघरों के विश्वास और पहुंच का लाभ उठाते हुए म्यूचुअल फंड प्रोडक्ट तक पहुंच को व्यापक बनाना है.
इस समझौते के तहत, डाक विभाग के कर्मचारी म्यूचुअल फंड वितरक के रूप में कार्य करेंगे ताकि छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में म्यूचुअल फंड की पहुंच बढ़ाई जा सके, जहां संरचित वित्तीय उत्पादों तक पहुंच पारंपरिक रूप से सीमित रही है.
भारतीय डाक की देश भर के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में व्यापक उपस्थिति है, जहां म्यूचुअल फंड निवेश के बारे में जागरूकता अपेक्षाकृत कम है.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, “यह साझेदारी देश के दूर-दराज के इलाकों में फाइनेंशियल इंक्लूजन और पहुंच के प्रति डाक विभाग की प्रतिबद्धता का प्रमाण है, साथ ही यह भारत में एक पेशेवर और निवेशक-अनुकूल म्यूचुअल फंड इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के एएमएफआई के दृष्टिकोण को भी पुष्ट करती है.”
इस समझौता ज्ञापन पर डाक विभाग की महाप्रबंधक (बिजनेस डेवलपमेंट) मनीषा बंसल बादल और एएमएफआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी.एन. चलसानी ने सेबी के अध्यक्ष तुहिन कांता पांडे की उपस्थिति में औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए.
–
एसकेटी/