जबलपुर, 22 अगस्त . मध्य प्रदेश की संस्कारधानी के तौर पर पहचाने जाने वाले जबलपुर को Saturday को प्रदेश के सबसे बड़े फ्लाईओवर की सौगात मिलने वाली है. फ्लाईओवर शुरू होने पर 40 से 45 मिनट का रास्ता मात्र 6 से 8 मिनट में पूरा होगा.
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और Chief Minister मोहन यादव 23 अगस्त, यानी Saturday को प्रदेश के सबसे बड़े और अत्याधुनिक फ्लाईओवर की सौगात देंगे. यह शहर को नए यातायात स्वरूप में महानगरीय पहचान देगा.
जबलपुर में 1052 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित 6.855 किलोमीटर लंबा यह एलिवेटेड कॉरिडोर मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा फ्लाईओवर है. इस फ्लाईओवर का सबसे बड़ा तकनीकी आकर्षण रेल मार्ग के ऊपर निर्मित 192 मीटर लंबा सिंगल स्पान केबल स्टे ब्रिज है. इस परियोजना में कुल तीन बो-स्ट्रिंग ब्रिज भी शामिल किए गए हैं. इनमें से दो पुल रानीताल क्षेत्र में और एक पुल बलदेवबाग क्षेत्र में बनाए गए हैं. ये पुल पूरी तरह स्टील से निर्मित हैं और प्रत्येक की लंबाई लगभग 70 मीटर है.
आधुनिक इंजीनियरिंग तकनीकों से निर्मित यह संरचना न सिर्फ जबलपुर, बल्कि पूरे देश के लिए एक अद्वितीय और प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत करती है. यातायात की दृष्टि से यह फ्लाईओवर क्रांतिकारी बदलाव लाएगा.
जहां पहले मदनमहल से दमोह नाका तक पहुंचने में 40 से 45 मिनट का समय लगता था, अब फ्लाईओवर शुरू होने के बाद यह दूरी मात्र 6 से 8 मिनट में तय हो जाएगी. इससे न सिर्फ समय और ईंधन की बचत होगी, बल्कि शहर में प्रदूषण का स्तर भी घटेगा. व्यापारिक गतिविधियों को गति मिलेगी, नागरिकों की दैनिक जीवनशैली सरल होगी और जबलपुर एक नए यातायात मॉडल के रूप में देश के अन्य शहरों के लिए उदाहरण प्रस्तुत करेगा.
यह परियोजना जबलपुर की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के बीच आधुनिकता का संगम प्रस्तुत करती है. यह स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों के लिए बेहतर आवागमन और जीवनशैली सुनिश्चित करेगी.
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एसएनपी/डीकेपी