एनएचआरसी ने सरकारी अस्पताल में लड़की का इलाज करने से मना करने पर लिया स्वतः संज्ञान

New Delhi, 22 अगस्त . राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित एक सरकारी अस्पताल में एक बीमार लड़की का इलाज करने से मना करने की खबर पर स्वतः संज्ञान लिया. आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के अंदर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए कहा.

एनएचआरसी ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया है, जिसमें कहा गया कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बीमार लड़की के माता-पिता को उसे एक निजी अस्पताल में ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने दो घंटे तक बार-बार अनुरोध करने के बावजूद बीमार लड़की का इलाज नहीं किया. बताया गया कि जब लड़की की हालत ज्यादा बिगड़ने लगी तो उसके पिता उसे अपनी बाइक से एक निजी अस्पताल ले गए, क्योंकि सरकारी अस्पताल ने उसे एम्बुलेंस तक उपलब्ध नहीं करवाई.

आयोग ने अवलोकन किया कि अगर यह खबर सही है तो यह मानव अधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मामला है. इसलिए आयोग ने इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के अंदर बीमार लड़की की स्वास्थ्य स्थिति सहित विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए कहा है.

उल्लेखनीय है कि 14 अगस्त को प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित परिवार सितापुर जिले में अपने गांव से लखनऊ के बक्शी का तालाब (बीकेटी) क्षेत्र में स्थित सरकारी रामसागर मिश्रा सौ-शय्या संयुक्त अस्पताल में पीलिया से पीड़ित लड़की का इलाज कराने के लिए पहुंचे थे.

डीकेपी/