कुशीनगर, 22 अप्रैल . उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में ग्राम सभा की जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाए गए मदरसे के खिलाफ प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है. फाजिलनगर नगर पंचायत के वार्ड नंबर 15, धनौजी खुर्द में संचालित अंजुमन इस्लामिया फैजुल उलूम मदरसे पर गंभीर आरोप लगे हैं. जांच में सामने आया है कि ग्राम सभा की जमीन को फर्जी प्रक्रिया के तहत मदरसे के नाम दर्ज किया गया था. इस खुलासे के बाद प्रशासन ने मदरसा संचालकों को नोटिस जारी कर उनका पक्ष मांगा है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य फूलबदन कुशवाहा ने Chief Minister को पत्र लिखकर इस मामले को उजागर किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि 1996 में मदरसे को Governmentी अनुदान मिला, लेकिन उस समय इसके पास अपनी कोई जमीन नहीं थी. इसके बावजूद ग्राम सभा की जमीन पर कब्जा कर इमारत बनाई गई और वहां पढ़ाई शुरू कर दी गई.
कुशवाहा ने यह भी दावा किया कि 2024 में मदरसा प्रबंधन ने रिश्वत लेकर नियुक्तियां की, जिसमें जमीन के असल मालिक के बेटे को नौकरी दी गई. उन्होंने मांग की कि मदरसे का अनुदान रद्द किया जाए, जमीन को कब्जे से मुक्त कराया जाए, और प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो.
वहीं, तहसीलदार की जांच में पाया गया कि गाटा संख्या 103, रकबा 0.02480 हेक्टेयर (लगभग 240 वर्ग मीटर) बंजर जमीन मदरसे के कब्जे में है. 20 दिसंबर 2021 की जांच रिपोर्ट के आधार पर उपजिलाधिकारी (एसडीएम) ने इस जमीन को मदरसे के नाम दर्ज करने की अनुमति दी थी. हालांकि, अपर जिलाधिकारी (एडीएम) वैभव मिश्र की जांच में यह प्रक्रिया फर्जी पाई गई. जांच में सामने आया कि एसडीएम के आदेश में लगाया गया बारकोड भी फर्जी था. इसके बाद एडीएम ने आदेश को स्थगित कर दिया और मदरसा प्रबंधन को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा.
एडीएम वैभव मिश्र ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि जिलाधिकारी कार्यालय ने 240 वर्ग मीटर जमीन आवंटन का आदेश जारी किया था, लेकिन शिकायत के बाद इसकी जांच शुरू की गई. जांच में आदेश में खामियां पाई गईं. अब इस मामले में विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी. अगर मदरसा प्रबंधन जमीन के आवंटन को सही साबित नहीं कर पाया, तो न केवल मदरसे की मान्यता रद्द हो सकती है, बल्कि Governmentी अनुदान भी वापस करना पड़ सकता है. इस खुलासे से मदरसा संचालकों में हड़कंप मच गया है.
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एसएचके/जीकेटी