नोएडा, 22 अगस्त . Chief Minister योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट द्वारा साइबर अपराध की रोकथाम और समाधान को लेकर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम Friday को पुलिस आयुक्त कार्यालय, सेक्टर-108 में आयोजित हुआ.
कार्यशाला का नेतृत्व पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने किया, जबकि इसका शुभारंभ उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस, लखनऊ के संस्थापक एवं निदेशक एडीजी डॉ. जी.के. गोस्वामी ने किया. डॉ. गोस्वामी ने अपने विस्तृत व्याख्यान में कहा कि डिजिटल युग में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं और ये समाज, अर्थव्यवस्था तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बनते जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि इंटरनेट ठगी, बैंकिंग धोखाधड़ी, डाटा चोरी, महिलाओं और बच्चों से जुड़े ऑनलाइन अपराध आज सबसे बड़े खतरे के रूप में सामने आ रहे हैं. ऐसे अपराधों की रोकथाम के लिए नागरिकों को साइबर सुरक्षा की जानकारी, तकनीकी प्रशिक्षण और व्यवहारिक जागरूकता बेहद आवश्यक है. कार्यशाला में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, व्यापार मंडल के प्रतिनिधि और साइबर अपराध से प्रभावित लोग शामिल हुए.
प्रतिभागियों ने साइबर अपराध से जुड़ी समस्याओं और उनके समाधान पर विस्तार से विचार-विमर्श किया. इस दौरान साइबर अपराध की विवेचना करने वाले अधिकारी और अभियोजन से जुड़े विशेषज्ञों ने भी अपने अनुभव साझा किए.
गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट लगातार समय-समय पर नागरिकों के लिए साइबर सुरक्षा से जुड़े जागरूकता अभियान चलाता रहा है. साथ ही पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को भी नए-नए साइबर अपराधों की जानकारी देने और उनसे निपटने के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
इस कार्यशाला में अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) अजय कुमार, डीसीपी साइबर प्रीति यादव, डीसीपी मुख्यालय डॉ. प्रवीण रंजन सिंह, साइबर विशेषज्ञ डॉ. शैलेन्द्र कुमार चितपुतकर व डॉ. पवन शर्मा, एडीसीपी मुख्यालय आर.के. गौतम, एडीसीपी महिला सुरक्षा मनीषा सिंह और एसीपी साइबर विवेक रंजन राय सहित करीब 500 पुलिसकर्मी मौजूद रहे.
पुलिस अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की कि वे किसी भी तरह की ऑनलाइन ठगी या संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जानकारी पुलिस को दें. साथ ही बैंकिंग या व्यक्तिगत डाटा से जुड़े मामलों में सतर्क रहने और अज्ञात लिंक या कॉल से बचने की सलाह दी.
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पीकेटी/एएस