पाकिस्तान: इमरान खान के भांजे गिरफ्तार, पुलिस रिमांड पर भेजे गए

इस्लामाबाद, 22 अगस्त . Pakistan के पूर्व Prime Minister इमरान खान के दो भांजों को 9 मई 2023 के दंगों के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है. लाहौर Police ने Friday को पुष्टि की कि इमरान की बहन अलीमा खान के बेटे शेरशाह खान को उनके घर से गिरफ्तार किया गया है. इससे एक दिन पहले उनके भाई शहरेज खान को हिरासत में लिया गया था.

इमरान खान की पार्टी Pakistan तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने इन गिरफ्तारियों को “अपहरण” करार देते हुए आरोप लगाया कि देश में कानून का राज खत्म होकर “जंगल का कानून” हावी हो गया है.

लाहौर की एक आतंकवाद निरोधी अदालत (एटीसी) ने Friday को शहरेज खान को जिन्ना हाउस हमले के मामले में आठ दिन की Police रिमांड पर भेज दिया. अदालत ने यह आदेश Police की 30 दिन की रिमांड याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दिया.

शहरेज खान के वकील सलमान अकरम राजा ने अदालत में दलील दी कि उनके मुवक्किल को जिन्ना हाउस हमले के दो साल बाद गिरफ्तार किया गया है, जबकि उनकी मां अलीमा खान को इसी मामले में पहले ही बरी किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि शहरेज का पीटीआई की राजनीति से कोई संबंध नहीं है और Police के पास उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है. हालांकि, Police ने अदालत में दावा किया कि शहरेज जिन्ना हाउस हमले में शामिल थे.

अलीमा खान ने भी social media प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “पिछली रात कई सादी वर्दी में आए हथियारबंद लोग मेरे घर घुसे. उन्होंने हमारे स्टाफ को पीटा, मेरी बहू को परेशान किया और मेरी दो पोतियों के सामने ही मेरे बेटे शहरेज को जबरन उठा ले गए. बीते तीन सालों से Pakistan में फासीवादी हुकूमत ने घर-घर छापे मारकर, बेगुनाह नागरिकों को उठाकर और उन्हें परेशान करके दहशत का माहौल बना रखा है, लेकिन इमरान खान के हौसले को तोड़ने में नाकाम रहे हैं.”

उन्होंने आगे लिखा, “हमारे बच्चे जानते हैं कि इमरान खान की जंग किसी एक व्यक्ति से कहीं बड़ी है. उनके धैर्य और संघर्ष ने तानाशाही के खिलाफ एक मिसाल कायम की है. यह कायराना कार्रवाइयां केवल हुक्मरानों की घबराहट और हताशा को दिखाती हैं. हम अल्लाह पर भरोसा रखते हैं और उसी से इंसाफ की उम्मीद करते हैं.”

गौरतलब है कि 9 मई 2023 को इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पूरे Pakistan में हिंसक प्रदर्शन भड़क उठे थे, जिनमें सैन्य प्रतिष्ठानों, Governmentी भवनों और लाहौर कॉर्प्स कमांडर के आवास को निशाना बनाया गया था. इसके बाद हजारों पीटीआई समर्थकों और नेताओं को गिरफ्तार किया गया.

डीएससी/