Mumbai , 21 अगस्त ( ए). Mumbai के नरीमन पॉइंट स्थित होटल ट्राइडेंट में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू), महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग के सहयोग से 22-23 अगस्त को राज्य महिला आयोगों (एसडब्ल्यूसी) के लिए दो दिवसीय क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है.
यह कार्यक्रम देश भर के राज्य महिला आयोगों के अध्यक्षों, सदस्यों और वरिष्ठ अधिकारियों को एक साथ लाएगा, जिसका उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों की अधिक प्रभावी ढंग से रक्षा करने, उनके कल्याण को सुनिश्चित करने और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए उनकी संस्थागत क्षमता को बढ़ाना है. इस सम्मेलन का शीर्षक ‘शक्ति संवाद’ है.
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया राहतकर ने कार्यक्रम से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए कहा कि महिला आयोग संकटग्रस्त महिलाओं के लिए सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाले होते हैं और लैंगिक समानता के दृष्टिकोण को भारत के हर कोने तक पहुंचाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है. यह कार्यक्रम राज्य महिला आयोगों को बेहतर उपकरणों, गहन ज्ञान और मजबूत रणनीतियों से सशक्त बनाएगा. एसडब्ल्यूसी महिला संस्थानों को एक मजबूत सामूहिक आवाज बनाने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि भारत को हर महिला के लिए अधिक सुरक्षित, निष्पक्ष और सशक्त बनाया जा सके.
उद्घाटन सत्र में महाराष्ट्र के Chief Minister देवेंद्र फडणवीस, उपChief Minister एकनाथ शिंदे और अजित पवार, महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, महाराष्ट्र विधान परिषद के सभापति प्रो. राम शिंदे, महाराष्ट्र सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे और महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर उपस्थित रहेंगी. इस अवसर पर, Chief Minister कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम (पीओएसएच) पर राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा प्रकाशित एक पुस्तक का भी विमोचन करेंगे.
इस कार्यक्रम को महिलाओं को सीधे प्रभावित करने वाले नीतिगत, कानूनी, सामाजिक और तकनीकी मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला को संबोधित करने के लिए तैयार किया गया है. पहले दिन राज्य महिला आयोगों के समक्ष चुनौतियों और अवसरों पर एक उच्च स्तरीय पैनल चर्चा होगी, जिसके बाद मानव तस्करी विरोधी और सहमति की कानूनी उम्र पर विशेष सत्र होंगे, जिनका उद्देश्य रेलवे जैसी प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय को मजबूत करना है.
‘इनर वूमेन’ शीर्षक वाला सत्र महिलाओं की पहचान की समग्र समझ पर जोर देगा, जबकि एक अन्य सत्र बीजिंग घोषणा के संदर्भ में महिला-केंद्रित नीति कार्यान्वयन की समीक्षा करेगा.
दूसरे दिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सुरक्षा जैसी भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी, जिसमें डिजिटल युग में महिलाओं के लिए अवसरों और जोखिमों दोनों पर प्रकाश डाला जाएगा. अन्य सत्रों में भारतीय संविधान की 15 महिला निर्माताओं की विरासत पर विचार-विमर्श किया जाएगा, रजोनिवृत्ति और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और ‘केयर मैटर्स’ विषय के तहत अवैतनिक देखभाल कार्य के सामाजिक और आर्थिक महत्व को रेखांकित किया जाएगा. प्रतिभागियों को महिलाओं के दृष्टिकोण पर केंद्रित नए कानूनी ढांचों, भारतीय न्याय संहिता और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता से भी परिचित कराया जाएगा.
एनसीडब्ल्यू ने अपनी नवगठित सलाहकार समिति भी शुरू की है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल हैं, जिन्हें महिला सशक्तिकरण के लिए रणनीतिक हस्तक्षेप तैयार करने में आयोग को सलाह देने के लिए नियुक्त किया गया है.
दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन एक सामूहिक रणनीति सत्र के साथ होगा, जिसमें राज्य महिला आयोगों और एनसीडब्ल्यू के बीच मजबूत सहयोग के लिए आगे का रास्ता तैयार किया जाएगा, ताकि पूरे भारत में महिलाओं के अधिकारों और कल्याण को आगे बढ़ाने में प्रमुख हितधारकों के रूप में उनकी भूमिका को मजबूत किया जा सके. पिछली ऐसी बैठक अप्रैल 2025 में उत्तर प्रदेश के अयोध्या में आयोजित की गई थी.
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डीकेपी/