New Delhi, 21 अगस्त . उत्तर प्रदेश के 45 हजार प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) जवानों को Supreme court से बड़ी राहत मिली है. Supreme court ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें पीआरडी जवानों को उत्तर प्रदेश Police और होमगार्ड के समान वेतन देने का आदेश दिया गया था.
इसके साथ ही, Supreme court ने उत्तर प्रदेश Government की याचिका को खारिज कर दिया है. सर्वोच्च अदालत ने हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि वह सभी 45 हजार पीआरडी जवानों को यूपी Police और होमगार्ड के समान वेतन देने पर फैसला लें.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले केवल उन पीआरडी जवानों को समान वेतन देने का आदेश दिया था जिनकी याचिका कोर्ट में लंबित थी, लेकिन Supreme court ने स्पष्ट किया कि यह लाभ सभी 45 हजार पीआरडी जवानों को मिलना चाहिए.
वकील विनोद शर्मा ने से बातचीत में बताया कि सभी जवान होमगार्ड एक्ट बनने से पहले से काम कर रहे हैं. उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पीआरडी जवानों ने समान वेतन को लेकर इलाहाबाद और नैनीताल हाईकोर्ट का रुख किया था. उन्होंने मांग की थी कि होमगार्ड और पीआरडी जवानों का काम एक जैसा ही है, इसलिए समान वेतन दिया जाए. इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले केवल उन पीआरडी जवानों को समान वेतन देने का आदेश दिया था, जिन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस फैसले के बाद यूपी Government ने Supreme court का रुख किया था. हालांकि, अब Supreme court ने सभी जवानों के हक में फैसला सुनाया है.
उन्होंने कहा, “सर्वोच्च न्यायालय ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया और Government के पक्ष को खारिज कर दिया. साथ ही यह भी निर्देश दिया है कि सभी 45 हजार पीआरडी जवानों को तब तक वेतन मिले, जब तक इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं आ जाता.”
पीआरडी जवान संजय कुमार ने Supreme court के आदेश पर खुशी जताई. उन्होंने कहा कि हम कोर्ट के फैसले से काफी खुश हैं. इससे सभी जवानों को लाभ होगा.
वहीं, अन्य जवान ने कहा कि हमने पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में लड़ाई लड़ी और आज हमारी जीत Supreme court में हुई है. Supreme court ने सभी जवानों को समान वेतन देने का आदेश दिया है.
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