
New Delhi, 21 अगस्त . विपक्ष के उपPresident उम्मीदवार Supreme court से रिटायर्ड जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी Thursday को नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. 21 अगस्त नामांकन की आखिरी तारीख है. वहीं, 25 अगस्त तक उम्मीदवारी वापस ली जा सकती है. चुनाव 9 सितंबर को होने हैं. वोटिंग के दिन ही मतगणना भी होगी.
रेड्डी गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और गोवा के पहले लोकायुक्त भी रह चुके हैं. वे आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं. उन्हें 2007 में Supreme court का जज नियुक्त किया गया था. रेड्डी का सीधा मुकाबला एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से होगा. दोनों ही प्रत्याशी दक्षिण India से हैं. राधाकृष्णन ने Wednesday को नामांकन दाखिल कर दिया था.
दरअसल, उपPresident का चुनाव जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को इस्तीफा देने की वजह से हो रहा है. धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था.
नामांकन से पहले यानी Wednesday को ‘इंडिया अलायंस’ के नेताओं ने बी. सुदर्शन रेड्डी की सम्मान में एक अभिनंदन समारोह आयोजित किया था. यह समारोह संसद भवन परिसर के सेंट्रल हॉल में हुआ, जहां रेड्डी को सम्मानित किया गया. विपक्षी दलों ने उनकी दावेदारी को एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण कदम करार दिया.
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “पूर्व जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी न्याय के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता के लिए प्रसिद्ध हैं. उन्होंने सामाजिक, आर्थिक और Political समानता के लिए निडरता से काम किया और ऐसे ऐतिहासिक फैसले दिए, जिन्होंने हमारे लोकतंत्र को मजबूत किया. यह उपPresident चुनाव केवल एक पद के लिए नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र की आत्मा के लिए वैचारिक संघर्ष है. जहां सत्तारूढ़ दल ने आरएसएस की विचारधारा को चुना है, वहीं हम संविधान और उसके मूल्यों को अपना मार्गदर्शक मानते हैं.”
उन्होंने कहा, “रेड्डी उन शाश्वत मूल्यों का प्रतीक हैं जिन्होंने India के स्वतंत्रता संग्राम को गति दी, जो हमारे संविधान की नींव हैं. जब हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों की निष्पक्षता अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रही है, तब उनकी उम्मीदवारी राज्यसभा के कामकाज में निष्पक्षता, ईमानदारी और गरिमा को पुनर्जनन की प्रतिबद्धता है. India के लोकतांत्रिक ढांचे की विश्वसनीयता इस बात पर निर्भर करती है कि संसद एक मजबूत मंच के रूप में कार्य करे, जहां सांसद स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से लोगों की समस्याओं और आकांक्षाओं को व्यक्त करें.”
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केआर/
