प्रयागराज, 20 अगस्त . मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है. हाईकोर्ट ने Wednesday को मऊ की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई. इससे अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता बहाल होने का रास्ता साफ हो गया है.
अब्बास अंसारी ने मऊ कोर्ट के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद 30 जुलाई को फैसला सुरक्षित रखा. Wednesday को हाईकोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि के फैसले को पलट दिया, जिसके परिणामस्वरूप उनकी विधानसभा सदस्यता बहाल होगी.
वकील उपेंद्र उपाध्याय ने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा, “हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट के आदेश को गलत ठहराया है. हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि उनको (अब्बास अंसारी) को दो साल की सजा सुनाई गई थी, जिस पर रोक लगाई जाती है.”
2022 विधानसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण के मामले में अब्बास अंसारी के खिलाफ मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने फैसला दिया था. उस चुनाव में अब्बास अंसारी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए थे. हालांकि, इसी साल जून में मऊ कोर्ट का फैसला आया, जिसमें अब्बास अंसारी को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई गई.
कोर्ट ने अब्बास अंसारी पर जुर्माना भी लगाया था. हालांकि, उसी दिन अदालत से जमानत मिलने पर अब्बास अंसारी जेल जाने से बच गए. हालांकि, कोर्ट के फैसले के आधार पर 1 जून 2025 को अब्बास अंसारी की विधायकी चली गई थी. इस संबंध में उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने आदेश जारी किया. उन्होंने अब्बास अंसारी की मऊ सदर सीट को रिक्त घोषित करते हुए उपचुनाव कराने पर विचार करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग को सूचना भेज दी थी.
अब्बास अंसारी ने मऊ की सेशन कोर्ट का रुख किया था, लेकिन 5 जुलाई को अपील खारिज कर दी गई. इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था.
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डीसीएच/