चुनावों में देरी से बांग्लादेश गंभीर खतरे में पड़ सकता है : बीएनपी

ढाका, 20 अगस्त . बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने पिछले एक साल में भीड़ हिंसा, जबरन वसूली, भूमि अतिक्रमण और आतंकवाद में तेजी का हवाला देते हुए चेतावनी दी है कि राष्ट्रीय चुनाव कराने में किसी भी तरह की देरी से देश गंभीर खतरे में पड़ सकता है.

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पार्टी ने बिगड़ती कानून-व्यवस्था के लिए मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम Government को जिम्मेदार ठहराया.

बीएनपी उपाध्यक्ष शम्सुज्जमां दुदु ने ढाका के नेशनल प्रेस क्लब में बांग्लादेश नेशनल फार्मेसी एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक परिचर्चा में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति, भीड़-भाड़, जबरन वसूली, कब्ज़ा और आतंकवाद को रोकने के लिए निर्वाचित Government की आवश्यकता पर जोर दिया. यह कार्यक्रम Tuesday को तोफज्जल हुसैन माणिक मिया हॉल में हुआ.

बांग्लादेश के प्रमुख बंगाली दैनिक जुगंटोर ने बीएनपी नेता के हवाले से कहा, “कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति, अराजकता, जबरन वसूली, कब्जा और आतंकवाद से निजात पाने के लिए जितनी जल्दी चुनाव होंगे, संकट उतना ही कम होगा. और चुनावों में जितनी देरी होगी, आतंकवाद उतना ही बढ़ेगा और देश खतरे में पड़ेगा.”

उन्होंने आगे कहा, “सत्ता में बैठे लोगों ने हमें ऐतिहासिक चुनाव कराने का आश्वासन दिया है, और इसी वजह से पार्टी, उसके नेता, तारिक रहमान, खालिदा जिया और देशवासी Government का समर्थन कर रहे हैं. हमारी, बीएनपी और सभी Political दलों की ओर से दिसंबर में चुनाव कराने की मांग थी, लेकिन उन्होंने कहा कि फरवरी में चुनाव हो सकते हैं. हमने इससे इनकार नहीं किया, लेकिन फरवरी को मार्च नहीं बनना चाहिए, फरवरी को अप्रैल नहीं बनना चाहिए. Government को यह याद रखना चाहिए.”

इस बीच, बीएनपी ने जुलाई चार्टर के मसौदे के कई प्रावधानों पर आपत्ति जताई, यह तर्क देते हुए कि यदि किसी Political समझौते के दस्तावेज को संविधान पर प्राथमिकता दी जाती है, तो यह एक गलत मिसाल कायम करेगा.

बीएनपी की स्थायी समिति के सदस्य सलाहुद्दीन अहमद ने कहा कि जुलाई समझौते को बांग्लादेश के संविधान के अनुरूप लागू किया जाना चाहिए.

ढाका में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “अगर समझौते को संविधान से ऊपर रखा जाता है, तो यह एक गलत मिसाल कायम करेगा.”

पिछले साल हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान पूर्व Prime Minister शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई Government को गिराए जाने के बाद से बांग्लादेश अगले आम चुनावों को लेकर अनिश्चितता से जूझ रहा है.

हसीना को हटाने के लिए यूनुस के साथ सहयोग करने वाली पार्टियां अब सुधार प्रस्तावों और अगले चुनावों की टाइमिंग को लेकर आपस में भिड़ गई हैं.

डीकेएम/एएस