मन को तरोताजा और स्ट्रेस को कम करता है मेडिटेशन, ऐसे लगाएं ध्यान

New Delhi, 20 अगस्त . आज की भागदौड़ भरी जिंदगी के तनाव और शोर में मानसिक शांति की तलाश हर व्यक्ति को है. ऐसे में मेडिटेशन बेहद कारगर है. ध्यान को दिनचर्या में शामिल कर शांति और संतुलन लाया जा सकता है. भारत सरकार का आयुष मंत्रालय ध्यान के बारे में विस्तार से जानकारी देता है.

मंत्रालय के अनुसार, ध्यान केवल स्थिर बैठना नहीं, बल्कि जागरूकता, शांति और गहरे आंतरिक जुड़ाव का अभ्यास है. यह मन, शरीर और आत्मा को एक सूत्र में बांधने का प्रभावी माध्यम है, जो जीवन को तरोताजा और संतुलित बनाता है. आज के अशांत माहौल में ध्यान का अभ्यास और भी विशेष महत्व रखता है. आयुष मंत्रालय के अनुसार, ध्यान न केवल मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि यह शारीरिक और भावनात्मक संतुलन को भी बढ़ावा देता है. यह तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में सहायक है और आत्मविश्वास को बढ़ाता है.

सबसे पहले यह समझें कि ध्यान वास्तव में क्या है. ध्यान एक प्राचीन भारतीय अभ्यास है जो मन को एकाग्र करने और आत्म-जागरूकता बढ़ाने की कला है. यह योग का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो व्यक्ति को बाहरी शोर से मुक्त कर आंतरिक शांति की अनुभूति कराता है.

एक्सपर्ट ध्यान की सरल विधि भी बताते हैं. किसी शांत स्थान पर सुखासन, पद्मासन या अन्य आरामदायक मुद्रा में बैठें. रीढ़ की हड्डी सीधी रखें और हाथों को ज्ञान मुद्रा (अंगूठे और तर्जनी को मिलाकर) में जांघों पर रखें. धीरे से आंखें बंद करें और सिर को इस तरह झुकाएं कि सिर का शीर्ष कंठ के सीध में हो. सामान्य रूप से सांस लें और ध्यान को सांस की गति पर केंद्रित करें. सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया को महसूस करें. इस अवस्था में कम से कम पांच मिनट तक रहें. अनुभवी लोग इसे लंबे समय तक कर सकते हैं. धीरे-धीरे ध्यान को सांस और फिर बाहरी परिवेश पर लाएं. आंखें खोलें और सामान्य अवस्था में लौटें.

हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि ध्यान मन और शरीर को तरोताजा करता है. यह तनाव को कम करता है, एकाग्रता बढ़ाता है, नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है और भावनात्मक स्थिरता प्रदान करता है. इस विषय में कई रिसर्च भी हुए, जिसके अनुसार, नियमित ध्यान ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है, हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है.

एमटी/एएस