New Delhi, 19 अगस्त . India स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता के मामले में विश्व में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. इसके साथ देश पवन ऊर्जा में विश्व का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है. यह जानकारी Tuesday को Government की ओर से दी गई.
Government ने अंतरराष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (आईआरईएनए) के हवाले से बताया कि देश स्थापित अक्षय ऊर्जा के मामले में विश्व में चौथे, पवन ऊर्जा में चौथे और सौर ऊर्जा में तीसरे स्थान पर है.
Government के बयान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में India ने 1,08,494 गीगावाट घंटा सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जो जापान के 96,459 गीगावाट घंटा से अधिक है. इस दौरान देश की सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग क्षमता 38 गीगावाट से बढ़कर 74 गीगावाट हो गई है.
India की कुल स्थापित विद्युत क्षमता 484.82 गीगावाट में नवीकरणीय ऊर्जा का योगदान अब 50.07 प्रतिशत पर पहुंच गया है. यह लक्ष्य सीओपी26 की प्रतिबद्धता है, जिसे India ने निर्धारित समय से पांच वर्ष पहले ही प्राप्त कर लिया है.
India की संचयी सौर ऊर्जा क्षमता जलाई 2025 तक 119.02 गीगावाट थी. इसमें जमीन पर स्थापित सौर संयंत्र क्षमता 90.99 गीगावाट, ग्रिड से जड़े रूफटॉप सिस्टम की क्षमता 19.88 गीगावाट, हाइब्रिड परियोजनाओं से 3.06 गीगावाट की क्षमता और ऑफग्रिड सौर प्रतिष्ठानों से 5.09 गीगावाट की क्षमता शामिल है, जो नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार के लिए देश के विविध दृष्टिकोण को दर्शाता है.
Government के मुताबिक, India उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में स्थित है, जहां कर्क रेखा कई राज्यों से होकर गजरती है. इससे देश में सौर ऊर्जा उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं. भारतीय महाद्वीप की कुल सौर ऊर्जा क्षमता 748 गीगावाट है. Rajasthan , जम्मू-कश्मीर, Maharashtra , Madhya Pradesh और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में देश की सबसे अधिक सौर ऊर्जा क्षमता है,जो उन्हें India के स्वच्छ ऊर्जा विकास के प्रमुख चालक बनाती है.
इसके अलावा Government ने बताया कि देश की कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़कर जुलाई 2025 तक 227 गीगावाट हो गई है.
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एबीएस/