बिहार चुनाव : बेनीपट्टी सीट पर भाजपा-कांग्रेस में मुकाबला, जीत के लिए ‘ब्राह्मणों का आशीर्वाद’ जरूरी

पटना, 19 अगस्त . बिहार का मधुबनी जिला मिथिला क्षेत्र का एक हिस्सा है, जिसके अंतर्गत बेनीपट्टी विधानसभा क्षेत्र है. यह ब्राह्मण बाहुल्य क्षेत्र है, इसलिए राजनीतिक पार्टियां अक्सर बेनीपट्टी से ब्राह्मण उम्मीदवारों पर दांव लगाती हैं. अब तक हुए 17 विधानसभा चुनावों में 11 बार ब्राह्मण उम्मीदवारों को जीत मिली. अगर 2010 से लेकर अब तक हुए विधानसभा चुनाव के रिजल्ट पर गौर करें तो इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है.

मधुबनी Lok Sabha क्षेत्र में स्थित बेनीपट्टी सामान्य वर्ग की विधानसभा सीट है. यह सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र नहीं, बल्कि मधुबनी जिले का एक अनुमंडल भी है. यह क्षेत्र पारंपरिक शिक्षा का केंद्र रहा है और आज भी यह अपनी मिथिला संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है. यह मधुबनी चित्रकला का उद्गम स्थल है और यहां की मुख्य भाषा मैथिली है.

अगर भौगोलिक रूप से बेनीपट्टी पर नजर डालें तो यह क्षेत्र नेपाल बॉर्डर और हिमालय की तराई के पास स्थित है. बेनीपट्टी के पास से बागमती नदी बहती है, जहां कई छोटी नदियां, नहरें और तालाब स्थित हैं. इस क्षेत्र में अक्सर बाढ़ का खतरा रहता है. यहां आय के मुख्य स्रोत कृषि और छोटे व्यापार हैं.

बागमती नदी नेपाल की काठमांडू घाटी से निकलकर भारत के बिहार राज्य में प्रवेश करती है और यहां कोसी नदी में मिल जाती है. हिंदू और बौद्ध धर्मों के लिए यह एक पवित्र नदी है, जिसके किनारे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल जैसे पशुपतिनाथ मंदिर स्थित है.

चुनाव आयोग के 2024 के आंकड़ों के अनुसार, बेनपट्टी विधानसभा क्षेत्र में कुल जनसंख्या 5,21,972 है, जिनमें 2,71,156 पुरुष और 2,50,816 महिलाएं शामिल हैं. अगर वोटरों की बात करें तो कुल मतदाताओं की संख्या 3,07,579 है, जिनमें 1,61,305 पुरुष, 1,46,266 महिलाएं और 8 थर्ड जेंडर वोटर हैं.

साल 1951 में बेनीपट्टी विधानसभा सीट बनी थी और तब से लेकर अब तक 17 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. इस सीट पर कांग्रेस को 6 बार और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) को 4 बार जीत मिली, जबकि भारतीय जनता पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) और निर्दलीय प्रत्याशियों का दो-दो बार कब्जा रहा है. साल 1969 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (एसएसपी) ने भी जीत हासिल की थी. बेनीपट्टी विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण वोटरों की संख्या अधिक है, जिसका असर चुनावों में भी देखने को मिलता है.

साल 2010 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार विनोद नारायण झा ने बेनीपट्टी सीट पर जीत दर्ज की थी, लेकिन 2015 में जदयू के महागठबंधन में शामिल होने के कारण कांग्रेस की भावना झा ने भाजपा को हरा दिया. साल 2020 में जदयू के एनडीए में लौटने के बाद भाजपा ने फिर वापसी की और विनोद नारायण झा को जीत मिली.

डीकेपी/