New Delhi, 19 अगस्त . भू-राजनीतिक तनाव बने रहने के कारण सोने की कीमतें 2025 की दूसरी छमाही में भी उच्च स्तर पर बनी रह सकती हैं. यह जानकारी Tuesday को जारी एक रिपोर्ट में दी गई.
ट्रेडिंग और निवेश प्लेटफॉर्म वेंचुरा सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉमेक्स पर गोल्ड 2025 के अंत तक 3,600 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचने की उम्मीद है, जो इस साल 7 अगस्त को दर्ज गई 3,534.10 डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई से भी अधिक है.
ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि कीमत में उछाल मजबूत ईटीएफ इनफ्लो, केंद्रीय बैंकों की स्थिर खरीद और भारत के ग्लोड इन्वेस्टमेंट मार्केट में मजबूत खुदरा निवेशकों की भागीदारी के कारण है.
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 20 वर्षों में से 14 वर्षों में सोने से प्राप्त सकारात्मक वार्षिक रिटर्न इस बात को दर्शाता है कि पीली धातु में मूल्य को सुरक्षित रखने की अभूतपूर्व क्षमता है और मुद्रास्फीति से बचाव का एक अच्छा माध्यम है.
वेंचुरा के कमोडिटी प्रमुख, एनएस रामास्वामी ने कहा, “धीमी वैश्विक वृद्धि, नीतिगत अनिश्चितता और बढ़ते भू-राजनीतिक जोखिमों के बीच पोर्टफोलियो में सोने का रणनीतिक महत्व बढ़ गया है. मुद्रास्फीति के दबाव, अमेरिकी डॉलर में नरमी और अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में अपेक्षित कटौती के साथ, हमें 2025 के शेष समय में सोने की कीमतों में निरंतर वृद्धि की संभावना दिखाई दे रही है.”
भारत की गोल्ड ईटीएफ होल्डिंग्स 30 जून, 2025 तक सालाना आधार पर 42 प्रतिशत बढ़कर 66.68 टन हो गई, जबकि एयूएम 88 प्रतिशत बढ़कर 64,777 करोड़ रुपए हो गया. निवेशक खातों की संख्या 41 प्रतिशत बढ़कर 76.54 लाख हो गई.
पिछले तीन वर्षों में इस पीली धातु ने निफ्टी 50 के 11 प्रतिशत की तुलना में 23 प्रतिशत का औसत वार्षिक रिटर्न दिया है.
रिपोर्ट में बताया गया कि मौजूदा अस्थिर बाजार परिस्थितियों में गोल्ड पोर्टफोलियो में विविधीकरण प्रदान कर सकता है, जिससे बिकवाली के दौरान पोर्टफोलियो के नुकसान को कम किया जा सकता है.
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एबीएस/