ये हैं जरूरी वैक्सीनेशन डोज जिन्हें वयस्कों को नहीं करना चाहिए नजरअंदाज: विशेषज्ञ

New Delhi, 19 अगस्त . आयुष मंत्रालय समय-समय पर राष्ट्रीय टीकाकरण जागरूकता अभियान चलाता है. इस दौरान लोगों को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक किया जाता है. इसमें टीकों का महत्व और ये क्यों लगाए जाने चाहिए, इस बारे में लोगों को बताया जाता है.

इसी सिलसिले में नोएडा स्थित सीएचसी भंगेल की सीनियर मेडिकल ऑफिसर और गाइनेकोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. मीरा पाठक ने से बात की. उन्होंने बताया कि वयस्कों को कौन सी वैक्सीन लगवानी चाहिए, साथ ही बताया कि ये क्यों जरूरी है.

डॉ. मीरा पाठक ने बताया कि वयस्कों को कौन-कौन से टीके लगवाने चाहिए. इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “फ्लू वैक्सीन, ये हर साल लगती है. इसका स्ट्रेन हर साल बदलता है, इसलिए बड़े लोगों को ये हर वर्ष लगाई जाती है. हर स्ट्रेन के लिए अलग वैक्सीन आती है. उम्रदराज लोगों को जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है, या जो वर्किंग प्रोफेशनल हैं, जिनको क्रोनिक बीमारियां हैं, जिनको डायबिटीज है, उन्हें ये वैक्सीन लगवानी चाहिए.”

डॉ. मीरा पाठक ने आगे कहा, “दूसरी वैक्सीन जो वयस्कों को लगानी चाहिए वो है हेपेटाइटिस बी. ये उन लोगों को लगवानी चाहिए जो हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स हैं, ट्रैवल करते हैं, या हाई रिस्क पर रहने वाले लोग हैं. तीसरी वैक्सीन है एचपीवी वैक्सीन, सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन, जो महिलाओं को लगवानी चाहिए. जो महिलाएं 45 तक की हैं, ये उन्हें लगवानी चाहिए. चौथी वैक्सीन है टेटनस और डिप्थीरिया की. इनके बूस्टर्स प्रत्येक एडल्ट को हर 10 साल में लगने चाहिए.”

उन्होंने आगे कहा, “पांचवीं वैक्सीन है शिंगल्स, जो 50 साल से ऊपर के बुजुर्ग एडल्ट को लगनी चाहिए. इनके अलावा जो वैक्सीन एडल्ट्स को लगती हैं वो ट्रैवल वैक्सीन होती हैं. टीडैप, एमएमआर, फ्लू की वैक्सीन और पोलियो की वैक्सीन. ये रूटीन वैक्सीन्स हैं.”

इसके अलावा, डॉ. मीरा ने बताया कि कुछ एरिया-स्पेसिफिक वैक्सीन भी हैं, जैसे दक्षिण एशिया में जाने वालों को टाइफाइड का टीका लगवाना चाहिए, जो हज के लिए जाते हैं वो मेनिंगोकोकल वैक्सीन लगवाएं, और जो अफ्रीका या दक्षिण अमेरिका जा रहे हैं वो येलो फीवर की वैक्सीन लगवाकर जाएं.

डॉक्टर ने ये भी बताया कि जो लोग ये टीके नहीं लगवाते हैं उन्हें अलग-अलग प्रकार की बीमारियां होने का खतरा बना रहता है.

जेपी/एएस