विपक्षी दलों का हमला, संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन करने में विफल रहा चुनाव आयोग

New Delhi, 18 अगस्त . विपक्षी दलों की ओर से चुनाव आयोग द्वारा Sunday को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के संबंध में संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया है. विपक्ष ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों पर कोई जवाब नहीं दिया.

विपक्षी दलों द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया है कि ‘नए’ चुनाव आयोग ने 17 अगस्त को अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की. यह प्रेस कॉन्फ्रेंस लगभग 90 मिनट तक चली. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. मुख्य चुनाव आयुक्त ने 14 अगस्त के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर कोई स्पष्टीकरण या टिप्पणी नहीं की, जिसमें बिहार में हटाए गए 65 लाख मतदाताओं के मूल डेटा को जारी करने से रोकने की उनकी सभी दलीलों को खारिज कर दिया गया था. Supreme court ने उन्हें नाम हटाने के कारणों सहित उनके नाम प्रकाशित करने का निर्देश दिया था.

मुख्य चुनाव आयुक्त ने इस बारे में कोई टिप्पणी या स्पष्टीकरण नहीं दिया कि बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) बिना तैयारी के इतनी जल्दबाजी में क्यों किया जा रहा है.

सीईसी ने महादेवपुरा में उजागर हुए वोटर फ्रॉड पर विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों पर कोई स्पष्टीकरण या टिप्पणी नहीं की, सिवाय इसके कि उन्होंने हलफनामे पर आंकड़े पेश करने की अपनी मांग दोहराई. सीईसी ने मतदाता धोखाधड़ी के आरोपों पर जांच क्यों नहीं की, इस संबंध में किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया.

चुनाव आयोग देश में एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रणाली सुनिश्चित करने के अपने संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन करने में पूरी तरह विफल रहा है. अब यह स्पष्ट हो गया है कि ईसीआई का नेतृत्व ऐसे अधिकारियों द्वारा नहीं किया जा रहा है, जो समान अवसर सुनिश्चित कर सकें. इसके विपरीत, अब यह स्पष्ट है कि चुनाव आयोग का नेतृत्व करने वाले लोग मतदाता धोखाधड़ी की सार्थक जांच के किसी भी प्रयास को भटकाते और विफल करते हैं और इसके बजाय सत्तारूढ़ दल को चुनौती देने वालों को डराना पसंद करते हैं.

डीकेपी/