सुप्रीम कोर्ट के आवारा कुत्तों पर फैसले को लेकर बोले मनोज बाजपेयी- लोगों को भी सुरक्षित रहने का अधिकार

Mumbai , 18 अगस्त . Supreme court के दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को आठ सप्ताह के भीतर शेल्टर में स्थानांतरित करने के हालिया आदेश ने देश भर में तीखी बहस छेड़ दी है. इस फैसले पर जहां पशु प्रेमी और कुछ बॉलीवुड हस्तियां इसका विरोध कर रही हैं, वहीं कुछ ने इसे सार्वजनिक सुरक्षा के लिए जरूरी बताया है. इस बीच, अभिनेता मनोज बाजपेयी ने संतुलित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कुत्तों को सड़कों पर नहीं, बल्कि अच्छे घरों में रहना चाहिए और लोगों को भी सुरक्षित महसूस करने का अधिकार है.

मनोज बाजपेयी ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा, “इन जानवरों ने सड़कों को नहीं चुना, और ये हम सबके प्यार के हकदार हैं, और लोगों को भी सुरक्षित महसूस करने का हक है. आगे का रास्ता हमदर्दी से तय होना चाहिए. डर के साए तले उनके भाग्य का फैसला नहीं किया जाना चाहिए.”

Supreme court ने 11 अगस्त को जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और आर. महादेवन की बेंच ने आदेश दिया कि दिल्ली-एनसीआर में सभी आवारा कुत्तों को शेल्टर में भेजा जाए और उन्हें सड़कों पर वापस न छोड़ा जाए. कोर्ट ने नगर निगमों को वैक्सीनेशन और शेल्टर बनाने का भी निर्देश दिया.

कई बॉलीवुड हस्तियों ने इस आदेश को क्रूर और अव्यावहारिक बताते हुए इसका विरोध किया. इस लिस्ट में जान्हवी कपूर, वरुण धवन, टाइगर श्रॉफ, रवीना टंडन, भूमि पेडनेकर, जॉन अब्राहम, वीर दास, चिन्मयी श्रीपदा, सिद्धार्थ आनंद और अदिति गोवित्रीकर समेत अन्य का नाम शामिल है. इन एक्टर्स ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इस फैसले की आलोचना की. जान्हवी और वरुण ने इसे “बेजुबानों के साथ अत्याचार” करार देते हुए, नसबंदी, टीकाकरण और सामुदायिक देखभाल की वकालत की.

जॉन अब्राहम ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर इसे पशु अधिकार नियमों के खिलाफ बताया. रवीना टंडन ने स्थानीय निकायों की नसबंदी विफलता को जिम्मेदार ठहराया.

दूसरी ओर, राम गोपाल वर्मा और रणदीप हुड्डा ने इस फैसले का समर्थन किया. वर्मा ने सोशल मीडिया पर कहा कि मानव जीवन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और आवारा कुत्तों से बच्चों को खतरा है. वहीं, रणदीप हुड्डा ने इसे बड़ा समाधान बताया.

एमटी/केआर