किश्तवाड़ के बाद अब कठुआ में बादल फटा, 4 लोगों की मौत

New Delhi, 17 अगस्त . जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर कुदरत ने कहर बरपाया है. किश्तवाड़ में हाल ही में आई आपदा के बाद अब कठुआ जिले में Sunday तड़के बादल फटने की घटना सामने आई है. इस हादसे में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कई जगहों पर भारी नुकसान की खबर है.

जानकारी के मुताबिक, कठुआ जिले में Sunday तड़के अचानक बादल फटा. देखते ही देखते पानी का सैलाब आसपास के इलाकों को अपने साथ बहा ले गया. इस आपदा में चार लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा रेलवे ट्रैक, नेशनल हाईवे और कठुआ थाना परिसर को भी नुकसान पहुंचा है.

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने घटना की जानकारी मिलते ही जिले के एसएसपी शोभित सक्सेना से बात की. इस बातचीत की जानकारी उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी.

केंद्रीय मंत्री ने एक्स पोस्ट में लिखा, “जंगलोट इलाके में बादल फटने की सूचना मिलने के बाद एसएसपी कठुआ शोभित सक्सेना से बात की. 4 लोगों के हताहत होने की सूचना है. इसके अलावा, रेलवे ट्रैक और राष्ट्रीय राजमार्ग को भी नुकसान पहुंचा है और कठुआ पुलिस स्टेशन भी प्रभावित हुआ है. नागरिक प्रशासन, सेना और अर्धसैनिक बल तुरंत हरकत में आ गए हैं. स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं.”

जम्मू-कश्मीर Chief Minister कार्यलय ने एक्स पोस्ट में लिखा, “Chief Minister ने कठुआ जिले के जोध खड्ड और जुथाना सहित कई इलाकों में हुए भूस्खलन से हुई दुखद जनहानि और क्षति पर दुख व्यक्त किया है. इस भूस्खलन में चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और सभी आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया. Chief Minister ने प्रशासन को प्रभावित परिवारों की सुरक्षा और सहायता सुनिश्चित करने के लिए तत्काल राहत, बचाव और निकासी उपाय करने के निर्देश दिए हैं.”

गौरतलब है कि बीते दिनों किश्तवाड़ जिले में भी बादल फटने से भारी तबाही मची थी. किश्तवाड़ के चिशोती इलाके में Thursday को बादल फटने के बाद अचानक बाढ़ आई थी. उस जगह पर यह घटना हुई, जहां श्री मचैल यात्रा के लिए चार पहिया वाहन खड़े होते हैं और कई अस्थायी दुकानें लगी हुई हैं. एडीसी किश्तवाड़ के अनुसार, श्री मचैल यात्रा अगली सूचना तक स्थगित कर दी गई है. स्थानीय पुलिस-प्रशासन के अलावा एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां बड़े पैमाने पर राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं.

पीएसके