पाकिस्तान जब तक नहीं सुधरता, समझौता नहीं हो सकता: अनिल देसाई

Mumbai , 15 अगस्त . शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल देसाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस चेतावनी का समर्थन किया जो उन्होंने (पीएम मोदी) लाल किले से पाकिस्तान को दी. सिंधु जल समझौते से लेकर आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को करारा जवाब दिया गया. इस पर देसाई बोले, जो कहा गया वो सही, जब तक पाक सही रास्ते पर नहीं आता समझौता होने का सवाल ही नहीं उठता है.

अनिल देसाई ने लालकिले के प्राचीर से पीएम मोदी के उस बयान का समर्थन किया जिसमें उन्होंने कहा कि भारत ने तय कर लिया है कि खून और पानी अब एक साथ नहीं बहेंगे. अब देशवासियों को भलीभांति पता चल गया है कि सिंधु का समझौता कितना अन्यायपूर्ण है, कितना एकतरफा है. भारत से निकलने वाली नदियों का पानी दुश्मनों के खेतों को सींच रहा है और मेरे देश के किसान, मेरे देश की धरती, पानी के बिना प्यासी है.

मीडिया से बातचीत में अनिल देसाई ने कहा कि यह बिल्कुल सही है, क्योंकि जिस तरह से पाकिस्तान ने भारत और पाकिस्तान के बीच आतंकवाद, आतंक और उग्रवाद को एक मंच दिया है, वहां कोई समझौता होना असंभव है जब तक कि उनकी हरकतें बंद नहीं होतीं और वे सही रास्ते पर नहीं आते. समझौता नहीं हो सकता है. शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा कि जब तक पाकिस्तान नहीं सुधरता, समझौता नहीं हो सकता है.

उन्होंने आगे कहा, “भारत किसी की धमकियों से नहीं डरता और जवाब देना जानता है. 1947 से लेकर आज तक भारत ने जो प्रगति की है, उसे दुनिया मानती है. आत्मनिर्भर बनना हमारी जरूरत है. अमेरिका, रूस, और चीन ने माना है कि भारत तेजी से विकास कर रहा है.” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि देश के युवाओं को रोजगार मिलना चाहिए. गरीबी-महंगाई पर सरकार को काम करना चाहिए. आज अधिकांश गरीब अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए चिंतित हैं.

वहीं, विकसित भारत रोजगार योजना पर उनके विचार कुछ अलग थे. उन्होंने कहा कि हर साल घोषणा होती है, जमीनी हकीकत कुछ और होती है. सरकार को रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर पैदा करने चाहिए, जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके.

79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उन्होंने देशवासियों को शुभकामनाएं दी. कहा, “देश को आजादी दिलाने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों, क्रांतिकारियों और देशभक्तों को विनम्र श्रद्धांजलि. स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.“

डीकेएम/केआर