अमेरिकी विदेश मंत्री ने भारत को दी स्वतंत्रता की शुभकामनाएं, दोनों देशों के साथ मिलकर काम करने पर दिया जोर

New Delhi, 15 अगस्त . भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशभर में उत्साह है. देश-विदेश के राजनेता इस खास अवसर पर शुभकामनाएं दे रहे हैं. टैरिफ मुद्दे पर भारत और अमेरिका के बीच उपजे हालिया तनावपूर्ण हालात से दुनिया वाकिफ हैं. इस बीच अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी हैं. अपने संदेश में उन्होंने भविष्य में दोनों देशों के साथ मिलकर काम करने का भी जिक्र किया है.

अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से, मैं भारत के लोगों को 15 अगस्त को उनके स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं.”

भारत और अमेरिका के बीच ऐतिहासिक संबंध का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र के बीच ऐतिहासिक संबंध अत्यंत महत्वपूर्ण और दूरगामी हैं.”

विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों की आपसी साझेदारी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “हमारे दोनों देश एक अधिक शांतिपूर्ण, समृद्ध और सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपने साझा दृष्टिकोण से एकजुट हैं. हमारी साझेदारी उद्योगों तक फैली हुई है, नवाचार को बढ़ावा देती है, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों की सीमाओं को आगे बढ़ाती है, और अंतरिक्ष तक भी फैली हुई है.”

रुबियो ने भारत और अमेरिका के उज्जवल भविष्य की कामना की. उन्होंने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत मिलकर आज की आधुनिक चुनौतियों का सामना करेंगे और दोनों देशों के लिए एक उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करेंगे.”

दरअसल, हाल-फिलहाल की घटनाओं के कारण भारत और अमेरिका के रिश्ते में तल्खी देखी जा रही है. ऐसे में अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा भारत को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देना और दोनों देशों के बीच के ऐतिहासिक संबंध पर जोर देना काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत और अमेरिका के रिश्तों में तनाव देखा गया. इसकी शुरुआत तब हुई जब ट्रंप ने कई बार अंतर्राष्ट्रीय मंचों से भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने का श्रेय खुद को दिया और दोनों पड़ोसी मुल्कों के मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश की. हालांकि भारत ने बार-बार इस बात को नकारा है कि किसी तीसरे देश के हस्तक्षेप से सैन्य कार्रवाई बंद हुई.

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