New Delhi, 15 अगस्त . अमेरिका के President डोनाल्ड ट्रंप और रूस के President व्लादिमीर पुतिन के बीच Friday को अलास्का में बैठक होने वाली है. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य रूस-यूक्रेन युद्ध की समाप्ति है. अगर यह बैठक अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहती है तो रूसी तेल के आयात की वजह से India पर अमेरिका के लगाए 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ से बचा जा सकता है.
ट्रंप ने फॉक्स रेडियो को दिए साक्षात्कार में रूस के President के साथ समझौता होने की उम्मीद जताई है. वहीं, पुतिन ने कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध की समाप्ति के लिए ट्रंप ईमानदार प्रयास कर रहे हैं.
अगर शिखर सम्मेलन के माध्यम से शांति समझौता होता है, तो India 27 अगस्त को लगाए जाने वाले तेल शुल्क से बच सकता है.
हालांकि, पुतिन-ट्रंप के बीच होने वाली इस बैठक में यूक्रेन के President वोलोडिमिर जेलेंस्की शामिल नहीं हो रहे हैं.
यूक्रेनी President जेलेंस्की ने हाल ही में ब्रिटेन के Prime Minister कीर स्टारमर से मुलाकात की थी. दोनों नेताओं ने संयुक्त बयान में कहा था कि ट्रम्प-पुतिन वार्ता प्रगति का एक व्यवहार्य अवसर प्रस्तुत करती है, बशर्ते पुतिन यह साबित करने के लिए कदम उठाएं कि वह शांति के प्रति गंभीर हैं.
जेलेंस्की बेशक ट्रंप और पुतिन के बीच होने वाली बैठक का हिस्सा नहीं हैं. लेकिन, उन्होंने कहा है कि यूक्रेन से संबंधित हर चीज का निर्णय यूक्रेन की भागीदारी से ही लिया जाना चाहिए.
अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप ने भी कहा है कि अंतिम समझौता President जेलेंस्की और पुतिन को ही करना है. ट्रंप ने कहा है कि अलास्का में पुतिन के साथ होने वाली उनकी बैठक अगले दौर की बैठक की रूप रूपरेखा तय करेगी. अगली बैठक संभवतः अलास्का में ही होगी और इसमें यूक्रेन के President जेलेंस्की भी शामिल हो सकते हैं.
अमेरिकी President ने कहा है कि दूसरे दौर की वार्ता ज्यादा अहम होगी. इसमें मेरे, रूस और यूक्रेन के President के अलावा कई यूरोपिय नेता भी शामिल हो सकते हैं.
ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और पोलैंड जैसे यूरोपीय देशों ने रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के अमेरिकी President के प्रयास की सराहना की है.
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पीएके/केआर