New Delhi, 15 अगस्त . Prime Minister Narendra Modi ने स्वतंत्रता दिवस की एक साहसिक घोषणा में शासन, कराधान और सार्वजनिक सेवा वितरण में अगली पीढ़ी के सुधारों का नेतृत्व करने के लिए एक उच्च स्तरीय टास्क फोर्स के गठन की घोषणा की.
स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए Prime Minister Narendra Modi ने कहा कि कर प्रणाली और जनसेवाओं में सुधार के लिए Government एक उच्च स्तरीय टास्क फोर्स बनाएगी. उन्होंने कहा कि हमने अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए एक टास्क फोर्स बनाने का फैसला किया है. हमारा लक्ष्य हर क्षेत्र में सुधार लाना है. इस दौरान Prime Minister मोदी ने नागरिकों के लिए इस साल ‘डबल दिवाली’ का वादा किया.
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) में व्यापक बदलावों का संकेत देते हुए उन्होंने कहा कि इस दिवाली मैं आपके लिए डबल दिवाली मनाने जा रहा हूं. देशवासियों को एक बड़ा तोहफा मिलने वाला है, आम घरेलू वस्तुओं पर GST में भारी कटौती होगी. पीएम मोदी ने GST दरों की समीक्षा की तत्काल आवश्यकता पर जोर देते हुए इसे समय की मांग बताया.
उन्होंने घोषणा की कि Government आम नागरिकों पर टैक्स का बोझ कम करने के उद्देश्य से एक नई पीढ़ी का GST सुधार तैयार कर रही है. उन्होंने कहा कि GST दरों में भारी कमी की जाएगी. आम लोगों के लिए टैक्स कम किया जाएगा.
बता दें कि GST को लागू हुए आठ साल पूरे हो चुके हैं और यह India की आजादी के बाद की सबसे बड़ी कर सुधारों में से एक बन गया है. 2017 में शुरू होने के बाद, GST ने देश की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को एकजुट किया और खासकर छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए व्यापार करना आसान बनाया.
अपने संबोधन के दौरान देशभर के व्यापारियों से पीएम मोदी ने अपील की कि वे स्वदेशी उत्पादों को मजबूरी में नहीं, बल्कि मजबूती के साथ अपनाएं और उनका प्रचार करें, जिससे आत्मनिर्भर India का लक्ष्य साकार हो. उन्होंने कहा कि मजबूरी में नहीं, मजबूती से स्वदेशी का उपयोग करें. स्वदेशी को बढ़ावा देना किसी Political दल का एजेंडा नहीं, बल्कि सभी भारतीयों का साझा मंत्र होना चाहिए.
पीएम ने स्वदेशी का मंत्र देते हुए कहा, “मैं हर छोटे-मोटे व्यापारी दुकानदार से आग्रह करूंगा क्योंकि ये आपकी भी जिम्मेवारी है. जब हम छोटे थे तो देखते थे घी की दुकान पर लिखा होता था घी की दुकान. फिर लिखा जाने लगा शुद्ध घी की दुकान. मैं चाहता हूं देश में ऐसे व्यापारी आगे आएं जो स्वदेशी का गर्व करें और लिखें बोर्ड लगाएं, ‘यहां स्वदेशी माल बिकता है.’ हम मजबूरी में नहीं मजबूती के साथ आगे बढ़ें और मजबूती के लिए इनका उपयोग करें और जरूरत पड़े तो दूसरे को मजबूर करने के लिए इसका प्रयोग करें.”
उन्होंने आगे कहा कि आत्मनिर्भरता केवल आर्थिक आयात-निर्यात या वित्तीय पहलुओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश और समाज के समग्र सामर्थ्य, आत्मविश्वास और स्वावलंबन से जुड़ी है. जब हम आत्मनिर्भर होते हैं, तो हमारी क्षमताएं मजबूत होती हैं और यह सामर्थ्य देश की प्रगति, संस्कृति और पहचान को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
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पीएसके