रांची, 13 अगस्त . Jharkhand विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने गोड्डा जिले में आदिवासी नेता सूर्या हांसदा के Police एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए मामले की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच की मांग की है.
मरांडी ने कहा कि यह केवल एक एनकाउंटर नहीं, बल्कि “जन सरोकार से जुड़ी एक आवाज की हत्या” है. उन्होंने Chief Minister हेमंत सोरेन से कहा है कि पूरे मामले की जांच के लिए हाईकोर्ट के सीटिंग जज की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जानी चाहिए. गोड्डा जिले की Police ने Monday को बोआरीजोर थाना क्षेत्र, धमनी पहाड़ के पास सूर्या हांसदा के एनकाउंटर में मारे जाने का दावा किया था.
Police के अनुसार, सूर्या पर 20 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे और वह कई संगीन अपराधों में फरार था. मुठभेड़ के दौरान Police ने उनके पास से हथियार बरामद किए थे. एसपी मुकेश कुमार ने बताया था कि गिरफ्तारी के बाद सूर्या को लेकर जब Police की टीम हथियारों की बरामदगी के लिए जा रही थी तो उसके गैंग के सदस्यों ने Police पर हमला करने की कोशिश की. इस बीच सूर्या ने Police का हथियार छीनकर भागने का प्रयास किया तो Police ने उसे एनकाउंटर में मार गिराया.
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने एनकाउंटर को लेकर Police की इस कहानी को झूठ करार दिया है. उन्होंने Wednesday को social media पर लिखा कि Jharkhand में कुछ Policeकर्मी अपराधियों को संरक्षण देते हुए अपनी सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सूर्या हांसदा की मौत केवल उनके वर्दी में छिपे कुछ “कायर और बुजदिल” अधिकारियों द्वारा कराई गई, जिन्हें आदिवासियों की आवाज से डर लगता है. उन्होंने कहा कि झूठे मामले, फर्जी First Information Report और उत्पीड़न विरोध करने वालों से निपटने का आम तरीका बन गया है.
सूर्या हांसदा की पत्नी सुशीला हांसदा और मां सूर्यमणी हांसदा ने भी Police पर आरोप लगाया कि उनका परिवार जानबूझकर निशाना बनाया गया. उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की है और कहा कि Chief Minister हेमंत सोरेन इस मामले में सीबीआई जांच कराने से डर रहे हैं. परिवार ने आरोप लगाया कि सूर्या की तबीयत खराब थी. वह Police के कब्जे से भाग नहीं सकते थे और एनकाउंटर पूरी तरह फर्जी है.
बता दें कि सूर्या हांसदा Jharkhand विधानसभा की बोरियो सीट से वर्ष 2009, 2014, 2019 और 2024 में अलग-अलग पार्टियों के टिकट से चुनाव लड़ चुके थे. वर्ष 2019 में भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ते हुए उन्होंने करीब 65 हजार वोट हासिल किए थे, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
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एसएनसी/डीएससी