कोलकाता, 13 अगस्त . केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कई महीनों से फरार रेप केस के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान उस्मान अली उर्फ आरा उर्फ मीर उस्मान अली के रूप में हुई है. 11 दिन पहले 2 अगस्त को आरोपी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी हुआ था.
यह मामला 2021 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा से जुड़ा हुआ है. आरोप है कि 4 मई 2021 को आरोपी पीड़िता के घर में घुसा और उसके साथ बलात्कार किया था. सीबीआई ने 30 अगस्त 2021 को मुकदमा दर्ज करते हुए जांच अपने हाथ में ली. आरोपी की गिरफ्तारी के बाद 5 मई 2022 को सीबीआई ने उसके खिलाफ पूर्वी मेदिनीपुर की विशेष एससी/एससी कोर्ट में चार्जशीट दायर की.
हालांकि, आरोपी ने जमानत के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया. मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आरोपी को 25 सितंबर 2024 को जमानत दे दी. सीबीआई ने इस आदेश को चुनौती देते हुए Supreme court में एसएलपी दायर की थी. सूचना देने के बावजूद आरोपी और उसके वकील दोनों Supreme court में पेश नहीं हुए. 2 अगस्त 2025 को आरोपी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया.
सीबीआई को आरोपी को 13 अगस्त 2025 को Supreme court में पेश करने का निर्देश दिया गया. इसके बाद जांच एजेंसी ने आरोपी की तलाश शुरू की. सीबीआई की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, आरोपी गाजियाबाद के इलायचीपुर इलाके में एक मस्जिद के पास छिपा था. जानकारी के आधार पर और लगातार प्रयासों के बाद सीबीआई ने Tuesday को उसे गिरफ्तार कर लिया.
बता दें कि सीबीआई ने हाल के दिनों में पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद हुई हिंसा के लंबित मामले में जांच तेज की है. जुलाई में 2021 के चुनाव बाद हुई हिंसा मामले में पूरक आरोप पत्र में तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक और कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के दो पार्षदों को आरोपी बनाया गया था.
हालांकि, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि यह अगले साल राज्य में होने वाले महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं पर दबाव बनाने के लिए भाजपा की एक चाल है.
–
डीसीएच/