सऊदी अरब में 99 इंडोनेशियाई हज यात्री निमोनिया से संक्रमित, एक की मौत

जकार्ता, 23 मई . इंडोनेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सऊदी अरब में हज करने गए 99 इंडोनेशियाई यात्रियों को निमोनिया हो गया है. इनमें से एक व्यक्ति की मौत भी हो गई है.

मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि निमोनिया के बढ़ते मामलों को रोकने पर तत्काल ध्यान देना जरूरी है, ताकि बीमारी को रोका जा सके.

हज स्वास्थ्य केंद्र के प्रमुख लिलिक मारहेंद्रो सुसीलो ने गुरुवार को कहा, “हमारे हज यात्रियों में निमोनिया के मामले बढ़ रहे हैं, और इस पर ध्यान देना जरूरी है क्योंकि अगर समय पर और सही इलाज नहीं किया गया तो यह और गंभीर हो सकता है.”

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि निमोनिया से संक्रमित तीर्थयात्रियों का अभी सऊदी अरब के मक्का और मदीना के अस्पतालों में इलाज चल रहा है.

लिलिक ने कहा कि सऊदी अरब में हज यात्रियों को निमोनिया होने के मुख्य कारणों में 47 डिग्री सेल्सियस तक की अत्यधिक गर्मी, लगातार काम और यात्रा की थकान, भीड़भाड़ और पहले से मौजूद बीमारियां मानी जा रही हैं.

उन्होंने तीर्थयात्रियों से मास्क पहनने, हाथ धोते रहने, खूब पानी पीने, और अगर कोई बीमारी है तो दवाई समय पर लेते रहने जैसी सावधानी बरतने को कहा है.

20 मई तक मक्का और मदीना में मौजूद इंडोनेशियाई हज स्वास्थ्य क्लीनिक (केकेएचआई) के अनुसार, प्रभावित तीर्थयात्री विभिन्न क्षेत्रों और समूहों में फैले हुए हैं.

लिलिक ने कहा कि निमोनिया जानलेवा भी हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें पहले से ही कोई स्वास्थ्य समस्या है.

निमोनिया बैक्टीरिया, वायरस या फंगस से होता है और इसमें फेफड़ों में सूजन आ जाती है.

उन्होंने कहा, “भीड़भाड़ वाले हज के माहौल और अत्यधिक गर्मी में श्वसन संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है.”

मंत्रालय तीर्थयात्रियों के हज पूरा करने तक स्थिति पर ध्यान दे रहा है.

केकेएचआई के ताजातरीन आंकड़ों के अनुसार, लिलिक ने बताया कि गुरुवार को मक्का और मदीना में तापमान 41 से 47 डिग्री सेल्सियस के बीच था.

ऐसे गर्म मौसम में अगर पानी या तरल पदार्थ का सेवन कम किया जाता है, तो शरीर में पानी की कमी हो जाती है. डिहाइड्रेशन होने से शरीर में बीमारियों से लड़ने की ताकत कम हो सकती है.

पीके/एएस