ब्लेड का इस्तेमाल कई जगह किया जाता है. हेयर कटिंग से लेकर शेविंग कराने तक सभी जगह ब्लेड (Blade) का यूज होता है. ब्लेड कई कंपनियां बनाती हैं. लेकिन क्या आपने ध्यान दिया है कि ब्लेड के बीच में खाली जगह पर इसके डिजाइन में बदलाव नहीं किया गया है. ब्लेड के बीच में खास तरह की डिजाइन (Blade Special Design) बनी होती है. ये ब्लेड चाहे किसी भी कंपनी के हो, इनके डिजाइन एक ही तरह के होते हैं. सारे ब्लेड के बीच में एक ही तरह के पैटर्न में स्पेस छोड़े जाते हैं. हर घर में पाए जाने वाले ब्लेड में एक ही तरह का पैटर्न होता है. चाहे भारत में मिलने वाला ब्लेड हो या अमेरिका में, इन सबका डिजाइन (Blade Special Design) और इनके बीच का पैटर्न एक सा ही होता है. आखिर ऐसा क्यों है? इसके पीछे एक दिलचस्प वजह है, जिसके बारे में ज्यादातर लोगों को नहीं पता है.
जिलेट कंपनी ने की थी शुरुआत
जिलेट कंपनी के संस्थापक किंग कैंप जिलेट ने 1901 में अपने सहयोगी विलियम निकर्सन के साथ मिलकर ब्लेड डिजाइन किया. उस वक्त ब्लेड का वैसा ही डिजाइन था जैसा कि आज हम देखते हैं. किंग कैंप जिलेट ने डिजाइन बनाने के बाद उसे पेटेंट करा लिया और साल 1904 में इसका प्रोडक्शन शुरू कर दिया. साल 1901 में जिलेट ही इकलौती कंपनी थी जिसने रेजर और ब्लेड बनाने की शुरुआत की थी.
इस वजह से ब्लेड में बनी होती है ये खास डिजाइन
जब साल 1901 में जिलेट ने ब्लेड बनाने शुरू किए तो उस वक्त कोई और कंपनी ब्लेड नहीं बनाती थी. उस समय ब्लेड को बोल्ट के जरिए फिट करना पड़ता था. इसलिए ब्लेड के बीच में ये खास डिजाइन बनाई जाती थी. 1904 में पहली बार 165 ब्लेड बनाए गए. इसके बाद में ब्लेड बनाने की दूसरी कंपनियां भी आईं, लेकिन उन्होंने ब्लेड की पुरानी डिजाइन को ही कॉपी किया, क्योंकि कंपनियों के सामने दिक्कत ये थी कि उस वक्त रेजर जिलेट कंपनी के ही आते थे. इसलिए रेजर में ब्लेड फिट करने के लिए शेव उसी डिजाइन में रखना पड़ाता था.